उत्तराखंड सरकार के कॉर्बेट पार्क में निर्माण की सीबीआई जांच के आदेश….उत्तराखंड हाई कोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश…पूर्व वन मंत्री हरक सिंह समेत नेता अधिकारी आ सकते है लपेटे में..

348

नैनीताल– पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत समेत कई अधिकारी सीबीआई की रडार में आ सकते हैं। कॉर्बेट के मोरघट्टी पाखरो में निर्माण के मामले में हाई कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। पिछली तारीख को हाई कोर्ट ने कार्बेट पार्क के मोरघट्टी पांखरो में अवैध निर्माण और 6 हजार से ज्यादा पेड़ों के कटान मामले में सीबीआई जांच कराने को लेकर हाईकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई की थी और फैसला सुरक्षित रखा था। आज जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस आलोक वर्मा की कोर्ट ने फैसला सुनाया जिसमें मामला सीबीआई को जांच के लिए भेज दिया है।
इस मामले में उस वक्त के वन मंत्री हरक सिंह रावत से लेकर प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन,पीसीसीएफ वाइल्ड़ लाइफ विनोद सिंघल व अनूप मलिक समेत कई अन्य अधिकारियों की मुश्किलें बढ सकती हैं। सुनवाई कोर्ट में सरकार ने पहले से समय की मांग की लेकिन कोर्ट ने समय नहीं दिया सरकार ने कहा कि इस मामले पर विजिलेंस जांच काफी है..वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले को सीबीआई को भेज देना चाहिये क्योंकि कोर्ट ने कार्रवाई के लिये 28 जनवरी 2021 को आदेश जारी कर कार्रवाई के लिये बोला जिसके बाद कोर्ट ने 6 जनवरी 2022 और 6 जनवरी 2023 को तीन मौके दिये लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई..याचिकाकर्ता ने कहा कि जब कोर्ट के आदेश पर राजीव भरतरी की अध्यक्षता में कमेटी बनी तो उन्ही को पद से हटा दिया जब्कि वित्तिय और प्रशासनिक स्वीकृति शासन ने दी थी और केन्द्र के डीजी फाँरेस्ट ने ये रिपोर्ट एनजीटी में दी है..आपको बतादें कि देहरादून के अनू पंत ने कार्बेट पार्क मंक अवैध निर्माण व पेड़ों के कटान पर याचिका दाखिल की है तो वहीं हाईकोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। पिछली तारिख को हाईकोर्ट ने बड़े अधिकारियों की संदिग्धता देखते हुए सीबीआई जांच के लिये आज मामले की सुनवाई के लिये लगाया था..दरअसल पिछली सरकार में कार्बेट पार्क के पांखरो और मोरघट्टी में सफारी के लिये 6 हजार से ज्यादा पेड़ों का कटान हुआ और इस स्थान पर निर्माण भी हुआ था..अब इस मामले पर हा
कोर्ट सख्त है। याचिकाकर्ता के वकील अभिजय नेगी में बताया कि मामले को कोर्ट ने सीबीआई जांच के लिए भेज दिया है अब सीबीआई जांच करेगी।