@ हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई… ★कॉर्बेट में छह हजार पेड़ कटान और अवैध निर्माण के प्रकरण में क्यों न हों CBI जांच हाई कोर्ट… ★रिपोर्ट- ( सुनील भारती )”स्टार खबर ” नैनीताल..

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@ हाई कोर्ट में जनहित याचिका पर सुनवाई…

★कॉर्बेट में छह हजार पेड़ कटान और अवैध निर्माण के प्रकरण में क्यों न हों CBI जांच हाई कोर्ट…

★रिपोर्ट- ( सुनील भारती )”स्टार खबर ” नैनीताल…

 

 

नैनीताल – देहरादून निवासी अनु पंत द्वारा नैनीताल उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आज उच्च न्यायालय ने सरकार से कई सवाल पूछे है। गौरतलब है की अनु पंत ने जनहित याचिका दाखिल कर कॉर्बेट में हुए छह हजार पेड़ों के कटान के सम्बन्ध में कई रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष रक्खी थी। 06 जनवरी को मानन्य उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव से भी कहा था की वो कॉर्बेट में छह हजार पेड़ के कटान के प्रकरण पर सभी रिपोर्ट उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें और साथ ही ये भी बताएं की इसमें किन लोगों की लापरवाही है और संग्लिप्ता है जनके चलते इस अवैध कार्य को किया गया। वही मुख्य सचिव ने जिन लोगो के नाम लिए, उनमे कुछ अधिकारी ऐसे भी है जिनके नाम सूची में नहीं थे और उसमे तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह का नाम नहीं था। गौरतलब है की तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत का नाम केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति की रिपोर्ट में प्रमुखता से लिया गया है जो उच्चतम न्यायालय में जमा की गयी है। उनका नाम राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में जमा हुई रिपोर्ट में भी है। उनके रोल के बारे में राज्य के ऑडिटर जनरल ने भी तीखी टिपण्णी की है। इन सभी रिपोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी द्वारा विस्तार से उच्च न्यायालय को दिखाया गया है।
इस पर जब सरकार ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता से पूछा की तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत एवं उच्च शीर्ष वन अधिकारी जिनके नाम विभिन रिपोर्ट में सामने आये है, उनपर कार्यवाही क्यों नहीं हुई है, तो मुख्य अस्थाई अधिवक्ता द्वारा कहा गया की मुख्य सचिव अपने स्तर से उच्च न्यायालय को सही तथ्य बता रहे है।
इसपर मानन्य न्यायालय ने कहा की मामले की गंभीरता और शीर्ष अधिकारियों के संदिग्ध रोल को देखते हुए, मामले को क्यों न CBI को भेजा जाए, इस पर आगे की सुनवाई के लिए 1 सितम्बर 2023 की तिथि तय की गयी है।