@खडिया खनन कारोबारियों की बड़ी मुश्किलें.. ★पहले मुआवजा देने के निर्देश अब देना होगा ये दस्तावेज.. ★खनन को लेकर क्यों है हाईकोर्ट गम्भीर.. ★रिपोर्ट- (चन्दन सिंह बिष्ट ) “स्टार खबर ” नैनीताल..

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@खडिया खनन कारोबारियों की बड़ी मुश्किलें..

★पहले मुआवजा देने के निर्देश अब देना होगा ये दस्तावेज..

★खनन को लेकर क्यों है हाईकोर्ट गम्भीर..

★रिपोर्ट- (चन्दन सिंह बिष्ट ) “स्टार खबर ” नैनीताल..

नैनीताल। बागेश्वर में खडिया खनन से खतरे की जद में पहुंचे गांवों पर उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने अब भारत सरकार के खान महानिदेशक को तलब किया है।

आज कोर्ट में उपनिदेशक खनन पेश हुए जिन्हौने कोर्ट को बताया कि खनन कारोबारी जो खनन का मलुवा है उसको आस पास ही फैंक रहे हैं,वहीं कोर्ट ने जब मशीनों से खनन की जानकारी मांगी तो कोर्ट को बताया गया कि जो भी मशीनों से खनन किया गया है वो अवैध तौर पर अनुमति है क्योकिं पर्यावरणीय सर्तों में मशीनों की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने 147 खनन पट्टा धारकों से कहा है कि वो कोर्ट में खनन की सभी अनुमतियां दाखिल करें और किन नियमों से वो खनन कर रहे हैं । माइनिग प्लान के साथ ग्रीन बेल्ट समेत सभी दस्तावेज अगली तारिख तक दाखिल करें। हांलाकि प्रदूषण बोर्ड़ ने कहा कि104 खनन पट्टों की अनुमति को रद्द कर दिया गया है व 56 को नोटिस दिये गये हैं। कोर्ट ने निदेशक विजिलेंस को भी इस याचिका में पक्षकार बनाने के निर्देश दिये हैं। आपको बतादें कि बागेश्वर में खडिया खनन से कई गांवों पर खतरा बन गया है,कांड़ के चार गांव की हालत तो ये हैं कि वहां खनन से जोशीमठ जैसे हालात पैदा हो रहे हैं कई घरों में खतरा बन गया है तो दरारें घरों में आने लगी है। इस मामले का संज्ञान उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने लिया है और पूरे बागेश्वर के खनन पर रोक लगाई है।