चंपावत जिला पंचायत सीट हुई आनंदमय निर्विरोध जीत हासिल की । उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष की चार, ब्लॉक प्रमुख की 11 सीटों पर BJP निर्विरोध जीती… रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” 

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चंपावत जिला पंचायत सीट हुई आनंदमय निर्विरोध जीत हासिल की ।

उत्तराखंड में जिला पंचायत अध्यक्ष की चार, ब्लॉक प्रमुख की 11 सीटों पर BJP निर्विरोध जीती

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

देहरादून: चम्पावत

पंचायत चुनावों के बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी खबर आई है. पार्टी ने राज्य की चार जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों में से चार पर निर्विरोध जीत हासिल की है. सोमवार ,11 अगस्त 2025 को बीजेपी ने राज्य की उत्तरकाशी, चंपावत, उधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर निर्विरोध जीत हासिल की. इसके अलावा बीजेपी 11 ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशियों के पद पर भी निर्विरोध जीती. हालांकि कांग्रेस के लिए सियासी स्थिति गंभीर बनी हुई है. ग्राम पंचायत चुनावों में कई सीटों पर बाजी मारने वाली कांग्रेस, अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में अपना कमाल नहीं दिखा पाई. जानकारी के अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उत्तरकाशी से रमेश चौहान, पिथौरागढ़ से जितेंद्र प्रसाद, उधम सिंह नगर से अजय मौर्या और चंपावत से आनंद सिंह अधिकारी ने निर्विरोध जीत हासिल की है.ब्लॉक प्रमुखों की बात करें तो चंपावत से अंचला बोरा, काशीपुर से चंद्रप्रभा, सितारगंज से उपकार सिंह, खटीमा से सरिता राणा, भटवाड़ी से ममता पंवार, डुंडा से राजदीप परमार, जाखणीधार से राजेश नौटियाल, चंबा से सुमन सजवाण, विकासनगर से नारायण ठाकुर, पाबौ से लता देवी और ताकुला से मीनाक्षी आर्य निर्विरोध निर्वाचित हुईं हैं.

★. बीजेपी का खोया उत्साह वापस लौटा!

प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन ने एक ओर जहां बीजेपी के खोए हुए उत्साह को वापस लौटा दिया है तो वहीं कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर फिर से सोचने को भी मजबूर किया है. मौजूदा पंचायत चुनावों को राज्य में वर्ष 2027 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. ऐसे में प्रत्याशियों के निर्विरोध निर्वाचन ने यह संकेत दिए हैं कि राज्य के कई जिलों में बीजेपी अभी भी मजबूत है ।कांग्रेस के संदर्भ में देखा जाए तो 4 जिला पंचायत अध्यक्षों और 11 ब्लॉक प्रमुखों की सीट पर उन्हें न सिर्फ हार का सामना करना पड़ा बल्कि कई सीटों पर उसे नामांकन के लिए लोग नहीं मिले. इन सबके बीच कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. धारचूला ब्लॉक प्रमुख सीट पर कांग्रेस ने दावा किया है कि यह सीट जनजाति महिला के लिए आरक्षित है लेकिन बीजेपी ने सभी नियमों को धता बताते हुए गैर जनजाति महिला को प्रत्याशी बना दिया‌। अब आरोप-प्रत्यारोप, हार और जीत की चर्चाओं के बीच साल 2027 के प्रस्तावित विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर भी चर्चा शुरू हो गई है. एक ओर जहां लगातार दो बार से सत्तारूढ़ बीजेपी, तीसरी बार भी सरकार बनाने को आतुर है तो वहीं कांग्रेस की कोशिश है कि वह इस बार जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे. यूं तो अभी चुनाव 2 साल दूर हैं लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि हालिया चुनाव परिणामों से कौन सा दल, कैसी सीख लेता है।