ढोलावन प्रथम,द्वितीय अनुभाग द्वारा वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह मनाया
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग हल्द्वानी उप प्रभागीय सितारगंज एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामवासियों के साथ कार्यक्रम आयोजित
(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
हल्द्वानी:
सोमवार को प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग,हल्द्वानी, उप प्रभागीय वनाधिकारी सितारगंज तथा वन क्षेत्राधिकारी के आदेशानुसार ढोलावन प्रथम ‘ द्वितीप अनुभाग द्वारा ढोलावन परिसर में वन्य प्राणी सुरक्षा सप्ताह मनाया गया ,कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय जनप्रतिनिधि ,ग्राम वासियों को वन्य जीवों की सुरक्षा व संरक्षण तथा वन्यजीव – मानव संघर्ष से जीवों से सुरक्षा के वारे मे जानकारी दी गई तथा कार्यक्रम के दौरान पौधे तथा पम्पलेट वितरित किया गये .भारत में राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह हर साल 2 से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वन्यजीवों और वनस्पति संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह सप्ताह 1952 में संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा के लक्ष्य के साथ शुरू हुआ था। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित, यह सप्ताह प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के संदेश को बढ़ावा देता है। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वन्य जीव हमारी प्राकृतिक पूंजी हैं, जो जंगल और पर्यावरण की रोशनी हैं। मानव और वन्य जीवों का सहअस्तित्व ही वन्यजीव सप्ताह प्रकृति के संतुलन का वास्तविक प्रतीक है। हम ‘जियो और जीने दो’ की भावना के साथ सबके जीवन विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। वन्य जीवों के संरक्षण के प्रयास निरंतर जारी रहेंगे। वन्य जीव हमारे लौकिक जगत की अलौकिक धरोहर हैं। ये केवल साधारण जीव नहीं हैं। वे प्रकृति की अद्वितीय रचनाएं हैं, जिनमें एक अद्भुत सौंदर्य, रहस्य और सामंजस्य छिपा है। उनका अस्तित्व मानव सभ्यता और प्रकृति के बीच गहरे संतुलन की जीवित विरासत है।
वन्य जीवों की उपयोगिता, सुंदरता और पर्यावरणीय महत्व हमारी साधारण समझ से कहीं अधिक गहरे और दिव्य हैं। ये न केवल हमारे पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखते हैं, बल्कि हमें आध्यात्मिक आनंद, सौंदर्यबोध और जीवन की विविधता का अनुभव भी कराते हैं। इसलिए उनका संरक्षण केवल पारिस्थितिक आवश्यकता नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जिम्मेदारी भी है। इस मौके पर डिप्टी रेंजर मोहन चंद्र पंत, वन दरोगा शाहिद हुसैन, परवेश सिंह राणा, वन बीट अधिकारी सतनाम सिंह, राहुल कुमार ,हिमेश भट्ट ,सुरेश, नीरज सिंह, गोविंद कुमार, गौरी शंकर , रोपण रक्षक राजेश कुमार, महेंद्र सिंह, हरदेव सिंह, ग्राम प्रधान सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।