नैनीताल के दूरस्थ क्षेत्रों में तेजी से फल फूल रहा है अवैध शराब का धंधा शराब का काला कारोबार शहरों से सुदूर गांव गांव तक आखिर किसकी मेहरबानी से  रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” 

129

नैनीताल के दूरस्थ क्षेत्रों में तेजी से फल फूल रहा है अवैध शराब का धंधा…

शराब का काला कारोबार शहरों से सुदूर गांव गांव तक आखिर किसकी मेहरबानी से

(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

नैनीताल/भीमताल

अवैध शराब के काले कारोबार पर लगाम लगाने के आबकारी विभाग और पुलिस भले ही लाख दावे क्यों न कर ले। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। आलम यह है कि शहर से दूर गांव गांव तक अब इस शराब के काले कारोबार ने दस्तक दी है, और जमकर अवैध शराब बेची जा रही है। जिससे लोग आबकारी और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल कर रहे है कि क्या पुलिस और आबकारी विभाग को इसकी खबर ही नहीं या वह जानबूझ कर अनजान बनी बैठी है। कई लोग तो शराब बेचने वाले को पुलिस की पूरी शह होने की भी बात कर रहे है। वहीं कुछ इस अवैध शराब के काले कारोबार को कुछ सफेद कुर्ता धारी की आड़ में करने की बात करते हैं बता दें कि जिले में कुछ समय पहले एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने नशे पर लगाम लगाना अपनी प्राथमिकता बताया था। जिसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ अभियान चला कर कई नशे के सौदागरो को गिरफ्तार भी किया। मगर अब यह अवैध शराब के काले कारोबार को दूरस्थ गांव गांव तक कुछ लोगों के शह पर लंबे समय से किया जा रहा है । दूरस्थ क्षेत्र के गांव गांव में अवैध शराब बेचने का कारनामा पुलिस के और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नशा मुक्ति उत्तराखंड अभियान पर भी पलीता लगा रहा है।

कई बार प्रयासों के बाद भी नहीं मिली सफलता

दूरस्थ क्षेत्रों में शराब बेच रहे शख्स लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार कर रहे है। ऐसे में कई बार पुलिस उसके घर और दुकान पर छापा मारने की योजना बना अभियान भी चला चुकी है। मगर किसी तरह कारोबार कर रहे व्यक्ति को छापेमारी से पहले ही इसकी सूचना मिल जाती है। जिससे घर और दुकान पर रखी शराब पहले ही दूसरी जगह शिफ्ट कर दी जाती है। जब पुलिस टीम वहां पहुँचती है तो उसे कुछ बरामद नहीं होता।

पूरी प्लानिंग के तहत होता है धंधा

शराब बेच रहे लोगों द्वारा ऐसे ही किसी अपरिचित व्यक्ति को शराब नहीं बेच दी जाती, बल्कि पूरी योजना और पहचान का व्यक्ति होने पर ही उसे शराब दी जाती है। जिससे पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता। वही इस अवैध काली शराब की कारोबार को करने वाले व्यक्तियों के ऊपर सफेद पोशाक वालों की सबसे ज्यादा मेहरबानी रहती है ।