@ उस्मान के केस में क्यों उठ रहे हैं नैनीताल पुलिस पर सवाल.. ★अधिवक्ता दीपक रूवाली ने उठायी FIR दर्ज करने की मांग क्या हैं नियम समझें जानकारों से… ★रिपोर्ट- (चंदन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” नैनीताल..

145

नैनीताल। उस्मान द्वारा नाबालिक से रेप के आरोप के मामले में अब नैनीताल पुलिस पर सवाल उठे हैं। जिला कोर्ट के सचिव अधिवक्ता दीपक रूवाली ने मल्लीताल कोतवाली के कोतवाल पर भो पॉक्सो के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग उठाई है। इसका शिकायती पत्र बकायदा दीपक रूवाली ने तमाम उच्च अधिकारियों को दिया है। दीपक रूवाली ने नैनीताल पुलिस पर सवाल उठाए हैं कि कोतवाल द्वारा नाबालिक से रेप मामले में पीड़िता की पहचान एफआईआर में उजागर की है जबकि पॉक्सो और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का ये सीधा उलंघन है। अधिवक्ता ने कहा है कि तत्काल इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जाए और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाए उन्हौने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता तो वो कोर्ट की शरण मे जाने को मजबूर होंगे। आपको बतादें की पॉक्सो के मामलों में पीड़िता या उसकी पहचान सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष तौर पर नहीं कि जा सकती है लेकिन कोतवाल नैनीताल ने इसका उलंघन किया है। हालांकि इस मामले में जब हमने पुलिस का पक्ष लेना चाहा तो किसी ने ऑन कैमरा कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। संवैधानिक मामलों के जानकार उत्तराखंड हाई कोर्ट के अधिकता दुष्यंत मैनाली बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के निपुण सिंघल वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया के केस में रूलिंग दी गयी है कि पॉक्सो व रेप मामले में पीड़िता की पहचान नहीं कि जा सकती है कोई ऐसा उल्लेख भी नहीं किया जा सकता है जिसमें उसकी पहचान उजागर हो जैसे माता पिता का नाम पता समेत, वहीं पोक्सो अधिनियम के सेक्सन 33(7) ने भी पहचान उजागर करने को प्रतिबंधित किया है। हालांकि अगर जरूरी होगा तो स्पेशल कोर्ट से इसकी अनुमति भी लेनी आवश्यक है क्या इस केस में जो आरोप लगे हैं उसकी जांच को भी देखना होगा।