लोहाघाट:
सोचिए जिस एग्जीक्यूटिव इंजीनियर (EE) को अपने दफ्तर से AE की सर्विस बुक गायब होने पर एकाउंटेंट के खिलाफ FIR करानी चाहिए थी, वो अपने कर्मचारियों को घर से दो-दो मुट्ठी चावल लाने का आदेश दे रहा है। इस आदेश से NH के इस ऑफिस के हाल का पता लगता है। यहां के कर्मचारी बेहद मक्कार और लापरवाह होंगे। जो कर्मचारी एक सर्विस बुक नहीं संभाल पा रहे हैं वो सड़क कैसी बनाते होंगे? इस एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के आदेश से साफ है कि इनका दफ्तर वाकई भगवान के भरोसे ही चलता होगा। इनकी नेतृत्व क्षमता शून्य होगी। ये एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बनने लायक नहीं होंगे। अगर इनमें नेतृत्व शमता होती तो इस काम के लिए लिखित आदेश की आवश्यकता ही नहीं होती। ये काम तो कर्मचारियों को विश्वास में लेकर मौखिक रूप से भी हो सकता था। साफ है, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की कर्मचारियों पर कोई पकड़ नहीं है। तभी तो ऐसा जग हंसाई करने वाला आदेश निकाल रहे हैं। मुझे संदेह है आज ये इंजीनियर दो मुट्ठी चावल मंगा रहा है कल ये जागर ना लगवा दे। फिर उस जागरण (जागा) डंगरिया और जगरिया सहित हेवार कौन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा ।इंजीनियर, टेक्नोक्रेट ऐसा आदेश देंगे तो सामान्य व्यक्ति क्या करेगा? उसका मालिक तो पहले से ही राम है।
नोट: (स्टार खबर) लोक देवताओं की ताकत पर सवाल नहीं उठा रहा। (स्टार खबर) केवल अधिकारी की सामाजिक समझ पर सवाल कर रहा हूं। (स्टार खबर) दावे के साथ भविष्यवाणी करता है कि यह EE आशुतोष कुमार जब अपने आदेश के लिए घेरे जाएंगे तो कहेंगे कि ये मेरा आदेश ही नहीं है। फर्जी बनाया गया है। अब बताएं यह भी जा रहा है कि आशुतोष कुमार से भी विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है। सहीं जवाब नहीं मिलने पर विभाग उन पर उचित कार्रवाई कर सकता है।