कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने एनईपी के अंतर्गत स्नातक अंतिम सेमेस्टर के परिणाम घोषित किए… कुमाऊँ विश्वविद्यालय की अभिनव पहलों ने दिलाई समय पर सफलता राज्य में पहला विश्वविद्यालय बनने का गौरव प्राप्त… रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल…

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नैनीताल। कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने एक और शैक्षणिक उपलब्धि हासिल करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के अंतर्गत संचालित स्नातक कार्यक्रमों के अंतिम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम समयबद्ध, पारदर्शी एवं सुसंगत प्रक्रिया के माध्यम से घोषित कर दिए हैं। यह महत्वपूर्ण कार्य कुलपति प्रोफेसर दीवान एस. रावत के दूरदर्शी और सशक्त नेतृत्व में संभव हुआ है।

कुलपति प्रो. रावत के निर्देशन में विश्वविद्यालय ने न केवल समय पर परीक्षाएँ आयोजित कीं, बल्कि अत्यंत कम अवधि में मूल्यांकन प्रक्रिया को पूरा कर छात्रों को समय से पहले ही परिणाम प्रदान किए। यह पहल न केवल विश्वविद्यालय की अकादमिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि छात्रों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय, राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जिसने एनईपी के अनुरूप अंतिम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए हैं। इससे विश्वविद्यालय ने प्रदेश में एक मिसाल कायम की है। इस पहल से छात्रों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों व अन्य उच्च शिक्षा कार्यक्रमों में समय पर प्रवेश लेने का अवसर प्राप्त होगा।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत संचालित स्नातक (UG) छठे सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम सफलतापूर्वक घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष परिणामों की समयबद्ध घोषणा विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई गई नई कार्यप्रणालियों और नवाचारों की सफलता का परिणाम है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने परीक्षा मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी, तीव्र और विश्वसनीय बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिनके फलस्वरूप परिणाम समय पर जारी किए जा सके।
प्रो. रावत कहा कि इस बार पहली बार OMR आधारित अवार्ड लिस्टों को लागू किया गया, जिससे मूल्यांकन के बाद अंकों की प्रविष्टि प्रक्रिया काफी तेज और त्रुटिरहित हो पाई। इससे न केवल समय की बचत हुई, बल्कि परिणामों की गुणवत्ता और सटीकता में भी अभूतपूर्व सुधार आया। मूल्यांकन कार्य की प्रभावी निगरानी के लिए विशेष पर्यवेक्षकों (Observers) की टीम तैनात की गई, जिसने SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) के तहत कार्यों की निगरानी सुनिश्चित की। इससे मूल्यांकन की गुणवत्ता पर नियंत्रण बना रहा और अनुशासनात्मक ढंग से कार्य पूरे हुए। मूल्यांकन केन्द्रों पर ही उत्तर पुस्तिकाओं की स्कैनिंग की व्यवस्था की गई, जिससे डाटा की सुरक्षा और विश्वसनीयता में भारी सुधार आया। यह व्यवस्था डाटा गुम होने या छेड़छाड़ की संभावना को समाप्त करती है।प्रविष्ट अंकों की पुनर्गणना (Retotalling) और स्क्रीनिंग का कार्य एक विस्तारित टैबुलेटर टीम द्वारा संपन्न किया गया। इस टीम ने डाटा मिलान और त्रुटियों को पहचानने में विशेष भूमिका निभाई, जिससे परिणामों की प्रामाणिकता बनी रही।पूरे मूल्यांकन कार्य की निगरानी स्वयं कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत के नेतृत्व में की गई। कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक एवं परीक्षा शाखा की टीम ने मिलकर प्रतिदिन कार्य प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए, जिससे समस्त प्रक्रिया गतिशील बनी रही। मूल्यांकन केन्द्रों के प्रभारी अधिकारीगण एवं उनकी टीमों ने विषम परिस्थितियों में भी लगनपूर्वक कार्य किया। उनके विशेष प्रयासों के कारण सभी उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन समय पर सम्पन्न हो सका।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. दिवान सिंह रावत ने कहा, विश्वविद्यालय की यह सफलता समर्पित टीम वर्क, तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता आधारित कार्यप्रणाली का परिणाम है। हमारा प्रयास आगे भी इसी प्रकार परीक्षा व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ और छात्र हितैषी बनाने का रहेगा। यह पहल कुमाऊँ विश्वविद्यालय को राज्य ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक माडल के रूप में प्रस्तुत करती है l
कुलपति प्रो. रावत ने विश्वविद्यालय प्रशासन, परीक्षा अनुभाग , मूल्यांकन से जुड़े शिक्षकों, तकनीकी टीम और सभी सहयोगी विभागों को इस समर्पित प्रयास के लिए हार्दिक बधाई दी गई है। कुलपति प्रो. रावत ने कहा कि यह सफलता सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और विश्वविद्यालय भविष्य में भी समयबद्धता व गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए शैक्षणिक प्रक्रियाओं को सशक्त बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।