सी०आर०एस०टी० इन्टर कालेज में वीरेन डंगवाल एवं गिर्दा स्मृति समारोह का आयोजन.. रिपोर्ट- (सुनील भारती ) “स्टार खबर” नैनीताल…

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नैनीताल। युगमंच’ जन संस्कृति मंच एवं नैनीताल समाचार द्वारा सी०आर०एस०टी० इन्टर कालेज में “वीरेन डंगवाल एवं गिर्दा स्मृति समारोह” का आयोजन सम्पन्न हुआ। समारोह में हिन्दी के अत्यन्त महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल और उत्तराखण्ड हिमालय की अन्यतम प्रखर आवाज कवि, गीतकार व गायक सांस्कृतिक योद्धा गिरीश तिवारी ‘गिर्दा की स्मृति में उनके सरोकारों पर व्याख्यान के साथ विभिन्न कवियों द्वारा काव्यपाठ भी उल्लेखनीय कार्यक्रम था। आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली विश्व विद्यालय के प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने वीरेन और गिर्दा की उपस्थिति, विश्वदृष्टि, भूमिका और सरोकारों के सन्दर्भ में उनके, सृजन कर्म को सम्पूर्णता में समेटते हुये समान रूप से उन्हें, उम्मीद और विश्वास की महत्वपूर्ण हस्ती बताते हुये कहा कि दोनों ने जनता, समाज, के संघर्षो को सचेतन बौद्धिक हस्तक्षेप के साथ आग, आवेग और आवाज दी। प्रोफेसर आशुतोष ने वीरेन की वीरेनियत और गिर्दा की जनधर्मिता में नैनीताल की विराट उपस्थिति की भी अर्थपूर्ण व्याख्या की। उन्होंने कहा की वीरेन का सौंदर्य बोध भी सरोकारों के स्तर पर उन्नत दर्जे का है और वैचारिक कसौटी पर भी जिसमें समाज की धड़कन, उम्मीद और भरोसा अक्षुण्ण बना रहता है। समाज की संरचनात्मक हिंसा वाली व्यवस्था से विस्थापित हो रही मनुष्यता के यथार्थ पर बोलते हुये आशुतोष कुमार ने बताया की वीरेन और गिर्दा दोनों मनुष्यता के पक्षधर औ संरचना के विरोधी स्वर हैं, और पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने कर्मरत। इसलिये उनकी रचनाएं जीवन के कोलाहल से उपजती है और कोहराम मचाती है। अपने लम्बे व्याख्यान के अन्त में प्रोफेसर आशुतोष ने नैनीताल में गिर्दा की विरासत के लिए एक स्मारक बनाये जाने की आवश्यकता को आवश्यक बताया।
प्रोफेसर आशुतोष व्याख्यान के पश्चात शहर नैनीताल और बाहर से समारोह में सम्मिलित विभिन्न कवियों ने काव्य पाठ किया। कवियों में अनिल कार्की, दीपक तिरूआ, कुमार मंगलम, भास्कर उप्रेती, सिद्धेश्वर सिंह, डी०के० शर्मा, डॉ० मनोज आर्य, बल्ली सिंह चीमा, स्वाति मेलकानी, मोहन सिंह रावत, नीरज पांगती, आलोक साह, आशुतोष कुमार, डॉ० शिव त्रिपाठी, हर्ष काफर, डॉ० भूपेन सिंह, डॉ० संदीप तिवारी, त्रिभुवन फर्त्याल, महेश बावड़ी, दिनेश उपाध्याय, प्रो० भूपेश कुमार सिंह और मदन मोहन चमोली शामिल थे। काव्य पाठ का स्तर अपेक्षा के अनुरूप उत्तरदायित्वपूर्ण रहा।
समारोह के संचालन का कार्यभार मुख्य रूप से त्रिभुवन फर्त्याल ने संभाला और बखूबी अंजाम दिया। उनका साथ नीरज पांगती ने दिया। समारोह के केन्द्रक जनसंस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जहूर आलम के अलावा इतिहासवेत्रा शेखर पाठक, पद्मश्री अनूप साह आदि महत्वपूर्ण लोगों सहित शहर नैनीताल की बौद्धिक जनों की भारी उपस्थिति ने समारोह में विनोद पाण्डे, अदिती खुराना, गीता साह, जय जोशी, नवीन बेगाना, मनोज कुमार, हरीश राणा, गिरजा पाठक, दीपा पाठक, मनीषा और जस्सी राम आर्या को सार्थक और संवादपूर्ण बनाया।