रोल ऑफ़ इंटीलेक्टुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन फोस्टरिंग इनोवेशन” विषय पर व्याख्यान… प्रोफेसर ललित एम. तिवारी मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए… रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर ” नैनीताल..

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नैनीताल। एस.सी.एस.एस. गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज, कापकोट, बागेश्वर में आज रोल ऑफ़ इंटीलेक्टुअल प्रॉपर्टी राइट्स इन फोस्टरिंग इनोवेशन” विषय पर एक विशेष ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया।
इस अवसर पर प्रोफेसर ललित एम. तिवारी (विभागाध्यक्ष, वनस्पति विज्ञान विभाग, डी.एस.बी. कैंपस, कुमाऊँ विश्वविद्यालय) ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि आज के शोध-आधारित युग में आई.पी.आर. का महत्व लगातार बढ़ रहा है। यह न केवल नवाचार और रचनात्मकता को प्रोत्साहन देता है, बल्कि आविष्कारों और नई खोजों की कानूनी सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।
अपने व्याख्यान में प्रो. तिवारी ने पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, डिज़ाइन, ज्योग्राफिकल इंडिकेशन्स और ट्रेड सीक्रेट जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि आई.पी.आर. जैसे पेटेंट, कॉपीराइट और ट्रेडमार्क से किसी व्यक्ति या कंपनी को अपने विचार और काम पर कानूनी हक (Ownership) मिल जाता है। उदाहरण के लिए मैगी का नाम और स्वाद नेस्ले कंपनी का ट्रेडमार्क है। ए. आर. रहमान के गानों और धुनों पर उनका कॉपीराइट है, कोई और बिना अनुमति उनका इस्तेमाल नहीं कर सकता। कोका-कोला की खास रेसिपी और उसका लोगो पेटेंट और ट्रेडमार्क से सुरक्षित है। मैकडॉनल्ड्स का नाम और लोगो ट्रेडमार्क के तहत सुरक्षित है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि यदि छात्र, शोधकर्ता और अध्यापक समय रहते आई.पी.आर. की बारीकियों को समझें और उनका सही उपयोग करें, तो वे न केवल अपनी उपलब्धियों की रक्षा कर सकते हैं बल्कि स्टार्ट-अप, उद्यमिता और शैक्षणिक विकास में भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों ने व्याख्यान को अत्यंत प्रेरणादायक और उपयोगी बताया।