आज भी अधर में लटकी नगर में सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने की वर्षों पुरानी मांग…
रिपोर्ट- (सुनील भारती) “स्टार खबर” नैनीताल…
नैनीताल। भीमताल,
उत्तराखंड के नैनीताल जनपद स्थित पर्यटन नगरी भीमताल में सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना की मांग पिछले कई दशकों से अधर में लटकी हुई है। साहित्य प्रेमियों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों को आज भी इस बुनियादी सुविधा के अभाव में ज्ञानवर्धन के लिए अन्य स्थानों पर निर्भर रहना पड़ रहा है।भीमताल नगर पंचायत का गठन लगभग पांच दशक पूर्व हुआ था। उस समय तत्कालीन चेयरमैन बी.डी. जोशी के कार्यकाल में नगर पंचायत कार्यालय में एक पुस्तकालय की स्थापना की गई थी। इसके लिए तत्कालीन सांसद पं. नारायण दत्त तिवारी द्वारा सांसद निधि से करीब डेढ़ लाख रुपये की धनराशि भी स्वीकृत की गई थी। लेकिन नगर पंचायत का नया भवन बनने के बाद पुस्तकालय की पुनर्स्थापना नहीं हो सकी और यह सुविधा धीरे-धीरे बंद हो गई।वर्तमान समय में भीमताल शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है और यहां अनेक शिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं। इसके बावजूद सार्वजनिक पुस्तकालय का न होना क्षेत्र के साहित्य प्रेमियों, विद्यार्थियों, बुजुर्गों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है।
क्षेत्रवासियों द्वारा समय-समय पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के समक्ष इस मांग को उठाया जाता रहा है।
इसी क्रम में हाल ही में स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता पूरन बृजवासी ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर भीमताल में शीघ्र सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना की मांग की है।
नगरवासियों को आशा है कि प्रशासन इस गंभीर आवश्यकता को समझते हुए जल्द सकारात्मक पहल करेगा और भीमताल को एक आधुनिक सार्वजनिक पुस्तकालय की सौगात मिलेगी, जिससे शिक्षा, साहित्य और ज्ञान संस्कृति को नया आयाम मिलेगा।








