भीमताल विधानसभा के पहाड़ के गांवों की दुश्वारियां: जहां डोली है एंबुलेंस और जिंदगी है भगवान के भरोसे
पहाड़ का दर्द: डोली के सहारे मरीज को अस्पताल पहुंचाने को मजबूर ग्रामीण –
रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
भीमताल / धारी : पहाड़ का जीवन आज भी पहाड़ जैसी चुनौतियों से भरा है। उत्तराखंड गठन के बाद सरकारें बदलीं। मुखिया बदले। मगर नहीं बदली तो दूर गांवों की तस्वीर व तकदीर। सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में कई गांव हैं जो विकास के दावों की पोल खोल रहे हैं । पहाड़ की तलहटी में बसे इन गांव के लोगों को सड़क तक आने के लिए कई किमी तक पथरीले, संकरे और खतरनाक रास्तों को पैदल पार करना पड़ता है। ग्रामीण मरीजों को डोली में लेकर सड़क तक पहुंचाते हैं उसके बाद निजी गाड़ियों में या फिर 108 के माध्यम से अस्पताल लाते हैं। ऐसे में अक्सर गंभीर रूप से बीमार मरीजों की समय से इलाज ने मिलने के कारण जिंदगी खतरे में आ जाती है युवाओं के कंधों में घर की जिम्मेदारी के समय मरीजों को कुर्सी डोली में मरीज ढोलना के लिए गाँवो में रह गए है। भीमताल विधानसभा के धारी ब्लॉक के देवनगर के तोक सिकिंजला मुकेश बेलवाल 21 हरीश बेलवाल का हर्निया का ऑपरेशन हुआ था। घर मे अचनाक तबियत बिगड़ने से आनन फानन में परिवार व ग्रामीण अस्पताल लेकर गए। लेकिन गाँव मे सड़क नही होने से कुर्सी में बैठाकर 3 किमी सड़क तक 4 घण्टे में पहुँचे। जिसके बाद 108 से हल्द्वानी भेजा गया। युवा ग्रामीण कमल बृजवासी, किशोर तिवारी ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक ग्रामीण सड़क से वंचित है। गाँव में 500 से अधिक लोग है। कहा कि किसी जनप्रतिनिधियों ने आज तक सड़क नही पहुँचाई। ग्रामीण भरोसे में लेकर वोट मांगते है। लेकिन सड़क आज तक नही बनी। कहा मुख्यमंत्री जल्द गाँव की सड़क का संज्ञान अब स्वंय लें जिससे ग्रामीणों सड़क से जुड़ सके। कहा आये दिन गर्भवती महिलाओं व बीमारों को कुर्सी डोली में लेकर आना पड़ता है। जिससे गाँव के युवाओ का जीवन भी खराब हो रहा है। युवा मरीजों को ढोलते है जिससे मरीज समय पर अस्पताल पहुँच सके। उन्होंने मुख्यमंत्री से जल्द सड़क बनाने की मांग की है। कहा अगर सड़क नही बनी तो आगे किसी भी चुनाव में ग्रामीण वोट नही देंगे।