स्टेट बार काउंसिल चुनाव में नया विवाद: बड़ी संख्या में वकील वोटर लिस्ट से बाहर, तिथि बढ़ाने की भी उठी मांग
(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
देहरादून। उत्तराखंड में लगभग आठ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद होने जा रहे स्टेट बार काउंसिल चुनाव विवादों में घिर गए हैं। 04 फरवरी 2026 को प्रस्तावित चुनावों से पहले बड़ी संख्या में प्रैक्टिसिंग अधिवक्ताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने पर वकीलों ने गंभीर आपत्ति जताई है।हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष चन्द्रशेखर जोशी ने हाई-पावर्ड इलेक्शन कमिटी (फेज़-IV-C) के सेक्रेटरी को पत्र भेजकर इस निर्णय पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि राज्य बार काउंसिल में विधिवत पंजीकृत और दस्तावेज़ सत्यापित करा चुके कई वकीलों को सिर्फ डिक्लेरेशन फॉर्म जमा न करने के आधार पर वोट से वंचित करना लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनरोलमेंट अथवा रजिस्ट्रेशन के समय स्टेट बार काउंसिल द्वारा डिक्लेरेशन फॉर्म को अनिवार्य करने की कोई शर्त नहीं रखी गई थी और न ही इस संबंध में कोई सार्वजनिक सूचना जारी हुई। बड़े स्तर पर नोटिस न जारी होने के कारण कई योग्य अधिवक्ता इस प्रक्रिया से अनजान रहे।
जोशी ने कहा कि आठ साल बाद हो रहे चुनाव में बड़ी संख्या में वकीलों को बाहर करना गंभीर और अनुचित निर्णय होगा। उन्होंने मांग की कि सभी प्रभावित अधिवक्ताओं को डिक्लेरेशन फॉर्म जमा करने का एक और अवसर दिया जाए, ताकि किसी का भी संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक अधिकार न छीना जाए।
इसके साथ ही उन्होंने 04 फरवरी 2026 को उत्तराखंड हाई कोर्ट में शीतावकाश तथा राज्य के 13 में से 10 जिलों में जनवरी–फरवरी माह में शीतावकाश होने का हवाला देते हुए बार काउंसिल ऑफ़ उत्तराखंड के चुनाव की तिथि बढ़ाने की भी मांग की है।








