हल्द्वानी – खनस्यूं के बड़ौन की महिला का शव बनभूलपुरा के पास गौला नदी में मिला,  घास काटते समय गधेरे में बही थीं तुलसी देवी … रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” 

113

हल्द्वानी – खनस्यूं के बड़ौन की महिला का शव बनभूलपुरा के पास गौला नदी में मिला,

घास काटते समय पैर फिसला और गधेरे में बह गई थी थीं तुलसी देवी …

रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

हल्द्वानी – नैनीताल जनपद के ओखलकांडा ब्लॉक के खनस्यूं तहसील क्षेत्र के अंतर्गत घास काटने गई महिला तुलसी देवी का शव तीन दिन बाद गौला नदी से बरामद हुआ है। महिला के लापता होने की खबर से जहां परिजन और ग्रामीण सदमे में थे, वहीं आज शव मिलने से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। शव खनस्यूं से तक़रीबन 30 से 40 किलोमीटर दूर बहकर हल्द्वानी पंहुचा है।

★. क्या है पूरा मामला?

ओखलकांडा ब्लॉक के ग्राम सभा बड़ौन (तोक बसोटिया) निवासी 52 वर्षीय तुलसी देवी पत्नी स्व. तेजराम गत मंगलवार को घर के पास जंगल में घास काटने गई थीं। देर रात तक घर न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की। बाद में तुलसी देवी की चप्पल और दरांती बसोटिया नदी के किनारे मिले, जिससे गदेरे में बहने की आशंका जताई गई।

तीन दिन चला सर्च अभियान अभियान –

घटना की सूचना पर एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने मौके पर रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन महिला का कोई सुराग नहीं लग पाया। भारी बारिश और नदी में तेज बहाव के कारण खोजबीन में दिक्कतें आईं। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय विधायक राम सिंह कैड़ा भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वहीं एसडीएम धारी के.एन. गोस्वामी ने बताया कि परिजनों द्वारा गुमशुदगी की तहरीर दी गई थी, जिसके आधार पर तलाश जारी थी।

गौला नदी में मिला शव –

गुरुवार को हल्द्वानी स्थित गौला नदी में पुल के आसपास लोगों ने एक महिला का शव देखा, जिसके बाद थाना बनभूलपुरा पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने शव के नदी में फंसे होने के चलते एसडीआरएफ को बुलाया। गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला गया। शव की पहचान तुलसी देवी के रूप में हुई, जो बीते तीन दिन पहले ओखलकांडा से लापता थीं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शव का पोस्टमार्टम कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ग्रामीणों में शोक, प्रशासन से मांग –

इस दर्दनाक हादसे के बाद ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि बरसात के दौरान ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस उपाय किए जाएं, साथ ही मृतका के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए। प्राकृतिक आपदाएं और बारिश के दौरान उफनते गधेरे एक बार फिर जानलेवा साबित हुए। तुलसी देवी की मौत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की सख्त जरूरत ।।