@(सावधान) ★बैंक वाले हॉलमार्क गोल्ड को भी नहीं समझे असली, नकली सोना…. ★बैंकों में गिरवी रखकर बैंक को चूना लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश,नकली सोना भी बराबर….. ★रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर” हल्द्वानी….

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हल्द्वानी: पुलिस ने नकली सोना बैंकों में गिरवी रखकर बैंकों को चूना लगाने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है पुलिस ने पूरे मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके कब्जे से. भारी मात्रा में नकली सोने के जेवरात बरामद किया है।
एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हल्द्वानी क्षेत्र के अलग-अलग थाना में 6 मुकदमे पुलिस ने दर्ज किया है गोल्ड लोन देने वाली बैंक तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है कि जिसमें कुछ लोगों द्वारा नकली सोना को असली सोना बताकर बैंकों से गिरवी रख गोल्ड लोन लिया है. यही नहीं उनके द्वारा लोन लेने के दौरान फर्जी दस्तावेज भी जमा किए गए हैं। पूरे मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की तो नकली सोना सप्लाई करने वाले गिरोह का नाम सामने आया. बैंक आडिट के दौरान बंधक रखे गये आभूषण नकली पाये गये. मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस टीम गठित की गई जहां पुलिस और एसओजी के टीम ने
नैनीताल रोड से अभिषेक सिंह नेगी व पवन सिंह फर्सवाण नाम के युवक के कब्जे से 111 ग्राम नकली सोने की कूट रचित होलोग्राम अंकित चूड़ियां बरामद की गयी जिनके जांच पर चूड़ियों के नकली होने की पुष्टि हुयी. जहां पूछताछ में आरोपियों ने बैंकों में गोल्ड लोन के नाम पर नकली सोना गिरवी रखने की बात कही.पूछताछ में बताया गया कि उनके गिरोह में एक व्यक्ति अल्मोड़ा का व कुछ लोग दिल्ली के शामिल हैं यह नकली सोना दिल्ली से बहुत कम दाम में आता है जिस पर होलमार्क लगवा लेते हैं जिससे कि इस सोने के असली होने की पहचान बैंक वाले भी नहीं कर पाते हैं‌ इस नकली सोने को ऐसे बैंकों में गिरवी रखकर गोल्ड लोन ले लेते है जो कि सोने की ज्यादा जाँच नहीं करते हैं. गोल्ड लोन से पैसा मिलता है तो उसे आपस में बराबर –बराबर बांट लेते है. पकड़े गए आरोपी अखिलेश सिंह नेगी पर अलग- अलग बैंकों से लगभग 60-70 लाख रुपये के गोल्ड लोन लिये जाने की बात सामने आई है. अखिलेश सिंह नेगी मूल रूप से भैसोली थाना सोमेश्वर जनपद अल्मोड़ा का रहने वाला है जबकि पान सिंह फर्स्वाण थाना कपकोट बागेश्वर का रहने वाला है। एसएसपी नैनीताल प्रहलाद नारायण मीणा बताया कि आरोपियों से गिरोह के अन्य लोगों के संबंध में पूछताछ की जा रही है. गिरोह में कौन-कौन लोग शामिल है और बैंक के कर्मचारी तो सम्मिलित नहीं है इसकी भी जांच की जा रही हो।