★. हर पीठ दर्द में सर्जरी जरूरी नहीं, सही समय पर स्पाइन विशेषज्ञ से मिलना जरूरी ★. कमर दर्द को न करें नजरअंदाज, ज्यादातर मामलों में बिना सर्जरी संभव है इलाज (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”   हल्द्वानी।

31

★. हर पीठ दर्द में सर्जरी जरूरी नहीं, सही समय पर स्पाइन विशेषज्ञ से मिलना जरूरी

★. कमर दर्द को न करें नजरअंदाज, ज्यादातर मामलों में बिना सर्जरी संभव है इलाज

(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

हल्द्वानी।

कमर और पीठ दर्द आज एक आम लेकिन गंभीर होती जा रही स्वास्थ्य समस्या है। चिकित्सकीय आंकड़ों के अनुसार लगभग 80 प्रतिशत लोग अपने जीवन में कभी न कभी पीठ दर्द से प्रभावित होते हैं। अधिकतर मामलों में यह दर्द हल्का होता है और आराम, सही जीवनशैली व दवाओं से ठीक हो जाता है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह किसी गंभीर स्पाइन बीमारी का संकेत भी हो सकता है।पीठ दर्द के कारणों में मांसपेशियों में खिंचाव, डिस्क प्रोलैप्स, सायटिका, नसों पर दबाव, स्पाइनल स्टेनोसिस, हड्डियों का खिसकना, संक्रमण, आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस शामिल हैं। कुछ दुर्लभ लेकिन गंभीर मामलों में पेशाब और शौच पर नियंत्रण खत्म होने का खतरा भी रहता है, जिससे स्थायी नुकसान हो सकता है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर डायरेक्टर डॉ. आशीष गुप्ता ने बताया कि यदि पीठ या गर्दन का तेज दर्द आराम करने के बाद भी ठीक न हो, हाथ या पैर में सुन्नता, झनझनाहट या कमजोरी महसूस हो, दर्द पैर या हाथ तक फैल रहा हो या पेशाब से जुड़ी समस्या हो, तो तुरंत स्पाइन विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। सही उपचार के लिए मरीज की विस्तृत जांच के साथ एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे परीक्षण किए जाते हैं। डॉ. आशीष ने बताया कि राहत की बात यह है कि क्रॉनिक पीठ दर्द के अधिकांश मरीजों को सर्जरी की आवश्यकता नहीं पड़ती। कंजर्वेटिव इलाज में दवाएं, गर्म या ठंडी सिकाई, फिजियोथेरेपी, स्ट्रेचिंग और मसल स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज से काफी सुधार हो जाता है। सर्जरी केवल उन्हीं मामलों में की जाती है, जहां नॉन-सर्जिकल इलाज से लाभ नहीं मिलता। आधुनिक मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी से कम दर्द, कम रक्तस्राव और तेजी से रिकवरी संभव है। विशेषज्ञों ने पीठ को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम, योग, सही पोश्चर, संतुलित आहार और भारी सामान उठाने से बचने की सलाह दी है।