18 अगस्त सोमवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल परिसर से बाहर 500 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लागू।
नैनीताल में जिला पंचायत चुनाव को लेकर होनी है सुनवाई उच्च न्यायालय के कार्यों में बाधा पहुँचाने वाले या असामाजिक उपद्रवी तत्वों को परिसर के आसपास आने की अनुमति नहीं
रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में 18 अगस्त 2025 को मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल की खंडपीठ में जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव संबंधी याचिका प्रचलित है जिसके संबंध में काफी संख्या में याचिका कर्ताओं एवं समर्थकों द्वारा उच्च न्यायालय उत्तराखंड नैनीताल में आने की संभावना है ।जिस कारण शांति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना के मद्देनजर परगना मजिस्ट्रेट, नैनीताल नवाजिश खलीक ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत निहित अधिकारों का प्रयोग करते हुए परगना नैनीताल अंतर्गत स्थित माननीय उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल के परिसर की सीमा से बाहर 500 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा आदेश पारित किए गए हैं। उक्त निषेधाज्ञा के अनुसार, उच्च न्यायालय के परिसर से 500 मीटर की परिधि के भीतर उक्त अवधि में जिला मजिस्ट्रेट अपर जिला मजिस्ट्रेट अथवा उनकी पूर्वानुमति के बिना किसी सार्वजनिक स्थान पर पांच या पांच से अधिक व्यक्ति समूह के रूप में एकत्रित नहीं होंगे। और ना ही कोई सार्वजनिक सभा करेंगे और ना ही जुलूस आदि निकालेंगे और ना ही नारे आदि लगा सकेंगे।कोई भी व्यक्ति लाठी, डंडा, बल्लम,अग्नि शस्त्र, अग्नेयास्त्र, तलवार, विस्फोटक आदि लेकर उच्च न्यायालय परिसर की 500 मीटर की परिधि में नहीं आएगा। उच्च न्यायालय के परिसर में शांति व्यवस्था हेतु तैनात पुलिस सुरक्षाकर्मी इस प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय परिसर के 500 मीटर की परिधि में बिना सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग नहीं करेगा।कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की अफवाहें नहीं फैलाएगा और ना ही किसी प्रकार की पर्ची आदि का वितरण करेगा।कोई भी व्यक्ति उच्च न्यायालय से 500 मीटर के भीतर ऐसी कोई सामग्री अपने साथ लेकर प्रवेश नहीं कर सकेगा अथवा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा जिससे शांति एवं कानून व्यवस्था पर किसी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो। कोई भी व्यक्ति ऐसे बैनर, पोस्टर, झंडे, पैम्पलेट्स आदि नहीं लगाएगा जिससे उच्च न्यायालय की गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। वाहन जाम/अवरोध पैदा करने हेतु वाहन खड़े करना वर्जित रहेगा। पुलिस द्वारा चिन्हित पार्किंग स्थलों के अतिरिक्त वाहन कहीं और नहीं खड़े किए जाएंगे। उच्च न्यायालय के कार्यों में बाधा पहुँचाने वाले या असामाजिक उपद्रवी तत्वों को परिसर के आसपास आने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी प्रकार का उत्तेजक भाषण घोषणाएँ, पर्चे वितरण या ऐसा कार्य जो लोक शांति को प्रभावित करे, पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। निषेधाज्ञा समय अभाव होने के कारण एक पक्षीय रूप से लागू की जा रही है। यह निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से प्रभावी होगी।