@. प्रतिनिधिमंडल ★. हल्द्वानी में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से मिला वन पंचायत का प्रतिनिधिमंडल ★. D.F.O स्तर पर एवं शासन स्तर पर समस्याओं का किया जाएगा निस्तारण।। रिपोर्ट, चन्दन सिंह बिष्ट – स्टार खबर

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हल्द्वानी:
सोमवार को वन पंचायत के सरपंच, अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत से मिले। उन्होंने बताया कि वन पंचायतों को उनकी रॉयल्टी का पैसा नहीं मिल रहा है, जिससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वन पंचायतें उत्तराखंड में वनों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में. वे पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, वनों की आग से बचाव और पौधरोपण जैसे कार्य करती हैं. सरपंचों ने वन अधिकारियों के बढ़ते हस्तक्षेप और वन विभाग द्वारा उन्हें आवश्यक धन और संसाधनों से वंचित करने की बात कही सरपंचों ने वन विभाग के हस्तक्षेप से मुक्त करने, वन पंचायत नियमावली 2001 को लागू करने और वन पंचायत सरपंचों को राज्य परामर्शदात्री समिति का अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है. वन विभाग को वन पंचायतों के लिए माइक्रो प्लान तैयार करना और उनके लिए बजट जारी करना चाहिए। उत्तराखंड सरकार ने वन पंचायतों के सरपंचों के अधिकारों को सशक्त किया है, जिससे वे वन अपराधों को रोकने और मुकदमा दर्ज करने के लिए वनाधिकारियों की तरह काम कर सकते हैं । वही कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने कहा कि जो भी वन पंचायत के सरपंच की समस्याएं हैं वह D.F.O स्तर पर एवं शासन स्तर पर समस्याओं का हल किया जाएगा ।। ज्ञापन देते समय गनेश चन्द्र जोशी की अगुवाई में प्रयाग सिंह जीना , चन्दन सिंह बिष्ट ,निशा जोशी ,हेमचंद्र कपिल, बीना बिष्ट, भीम सिंह नेगी, कमलेश जीना , सरिता जीना, नंदकिशोर ,राजेंद्र सिंह, नयन सिंह मेहरा, सरस्वती रौतेला , दान सिंह कठायत ,विनोद सिंह ,राजू खत्री ,कैलाश खोलिया शहीद कई सरपंच मौजूद रहे ।