★. क्या DJ बजाने में हो रहा है नियमों का उलंघन..
★. कार्निवाल के बाद अब न्यू ईयर का शोरगुल की तैयारी, DJ लाउड स्पीकर राज, कानून साइलेंट मोड पर!
(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
नैनीताल-दिसंबर का आख़िरी हफ़्ता आते ही नैनीताल की ठंडी हवा में शांति नहीं, बल्कि DJ की धड़कनें दौड़ने लगती हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर का नाम आते ही होटल और रिसॉर्ट्स ऐसे जागते हैं जैसे कानून सिर्फ़ ऑफ-सीज़न के लिए बना हो। तेज़ म्यूज़िक, लाउड स्पीकर और देर रात तक चलती पार्टियाँ—सब कुछ खुलेआम, बेधड़क।
शहर और गांव में बने अनेक होटल व रिजॉर्ट तेज म्यूजिक और डीजे बजाते हैं, जो इन रिजॉर्ट के अगल-बगल रह रहे लोगों के लिए एक मानसिक यातना है। यह शोर-शराबा, DJ राज बच्चे, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए सर दर्द है।
वही – होटल संचालक एक ही राग अलापते हैं दिन में लाउड स्पीकर पर कोई रोक नहीं है। जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। Noise Pollution Rules, 2000 साफ़ कहते हैं कि दिन हो या रात, बिना लिखित अनुमति लाउड स्पीकर चलाना गैरकानूनी है। इतना ही नहीं, माननीय उत्तराखंड हाई कोर्ट ने WPPIL No. 112/2015 में 10 अगस्त 2020 को दो टूक आदेश दिया कि बिना लिखित अनुमति और तय सीमा से ज़्यादा आवाज़ किसी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उत्तराखंड हाई कोर्ट ने आदेश 10-08-2020 में निर्देशित किया है कि i. The State Government is directed to ensure that no loudspeaker or public address system shall be used by any person …….without written permission of the authority even during day time, that too, by getting an undertaking that the noise level shall not exceed by more than 5dB(A) peripheral noise level above the ambient noise standards specified for the area in which it is used at the boundaries of the private place.
वही -लेकिन नैनीताल में हर साल कानून की आवाज़ DJ के बेस में दब जाती है। तेज़ म्यूज़िक सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि आसपास रहने वालों के लिए मानसिक यातना बन चुका है। बच्चों की नींद, बुज़ुर्गों का सुकून और बीमारों की हालत—सब कुछ पार्टी की चमक में कुचला जा रहा है।
अब सवाल सीधा है नया साल 2026 कानून के साथ आएगा या फिर वही पुराना शोर, वही पुरानी चुप्पी? जनता पूछ रही है कि क्या प्रशासन और पुलिस सिर्फ़ तमाशबीन बने रहेंगे, या इस बार वाक़ई हाई कोर्ट के आदेश और Noise Pollution Rules, 2000 ज़मीन पर उतरेंगे?