★. कचलाकोट में बाघ ने बैल को उतारा मौत के घाट , ग्रामीणों में दहशत
★. वन विभाग से कि उचित मुआवजे व गश्त की मांग
(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”
ओखलकांडा/ कचलाकोट
ओखलकांडा विकासखंड की न्याय पंचायत सुनकोट अंतर्गत ग्राम सभा कचलाकोट में बाघ की सक्रियता से दहशत का माहौल बना हुआ है। बाघ ने ग्राम सभा कचलाकोट निवासी जगदीश सिंह बोरा (छोटे) के बैल को मार डाला। परिजनों के अनुसार बीते दिनों बैल को अन्य पशुओं के साथ पास के जंगल में चुगाने के लिए ले गए थे । अन्य जानवर तो सुरक्षित घर लौट आए, लेकिन एक बैल वापस नहीं पहुंचा। लेकिन कुछ देर बाद बैल की खोजबीन ग्रामीणों ने शुरू कर दी लेकिन फिर अंधेरे की वजह से वह तलाश नहीं कर पाए लेकिन अगले दिन सुबह से ही परिजनों द्वारा बैल की तलाश फिर शुरू की गई, काफी खोजबीन के दौरान दोपहर के समय जंगल में बैल की लाश बरामद हुई, जिस पर बाघ के बैल के गले और पृष्ठ भाग में (पिछले हिस्से में) हमले के स्पष्ट निशान पाए गए। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से बाघ सुबह-शाम गांव की सरहद पर दहाड़ता सुनाई दे रहा है, जिससे खासकर महिलाओं में भय का माहौल है। गांव की महिलाएं रोजाना घास काटने जंगल जाती हैं, ऐसे में किसी बड़ी अनहोनी की आशंका बनी हुई है। घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने, क्षेत्र में नियमित गश्त बढ़ाने, तथा बाघ की गतिविधियों पर तत्काल नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो जन-धन की हानि से इनकार नहीं किया जा सकता।