रेलवे भूमि पर अवैध अतिक्रमणकारियों को कोर्ट का बड़ा झटका..याचिका हुई खारिज..जल्द चलेगा बुलडोजर…

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रेलवे भूमि पर अवैध कब्जेदारों को कोर्ट का झटका..अतिक्रमकारियों की याचिका हुई खारिज..जल्द चलेगा बुलडोजर…

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कथनानुसार कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बिल्कुल बर्दाश्त नही किया जाएगा।उसी क्रम में लालकुआं रेलवे प्रशासन, वन विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने पिछले दिनों लालकुआं की नगीना कॉलोनी में तीन सौ से अधिक मकान मालिकों को दस दिनों के भीतर रेलवे की भूमि से स्वयं अपने कब्जे हटा लेंने का नोटिस जारी किया किया था।जिस पर अंचल कुमार समेत अन्य ने हाईकोर्ट में इस नोटिस को चुनौती दी और कहा कि वो सालों से इस स्थान पर रह रहे हैं।और ये उनकी ही भूमि है।जब उच्च न्यायालय ने इन लोगों से भूमि के दस्तावेज मांगे तो कोई भी निवासी दस्तावेज नहीं दिखा सका। उक्त याचिका को आज उच्च न्यायालय ने खारिज़ कर दिया व रेलवे की प्रक्रिया को जारी रखने का आदेश किया है।अब जल्द ही उक्त स्थल पर रेलवे द्वारा बुलडोजर चलाया जा सकता है।

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब 4 हजार परिवारों पर खड़ा हुआ बेदखली का संकट…

आपको बतादें कि रेलवे ने वर्ष 2018 में जिला प्रशासन और राजस्व की टीम के साथ सयुंक्त सर्वे किया था जिसमें पाया गया कि नगीना कॉलोनी पूरी तरह से रेलवे की जमीन पर बनी है।वर्ष 2018 के बाद रेलवे ने अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए वर्ष 2022 तक अतिक्रमणकारियों को केवल नोटिस दिये गये लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।अब जबकि उच्च न्यायालय द्वारा संबंध में दाखिल याचिका को खारिज़ कर दिया है तो रेलवे ने डीएम को पत्र लिख कर अतिक्रमण हटाने के लिये फोर्स की मांग की है।ज्ञात रहे कि लालकुआं स्थित नगीना कॉलोनी की बसावट 40 वर्ष पूर्व हुई थी। इसमें 300 से अधिक परिवार निवास करते हैं और कॉलोनी में दो सरकारी स्कूल, धर्मस्थल समेत बिजली, पानी आदि सरकारी सुविधाएं वर्षों से मुहैया कराई गईं हैं।हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब 4 हजार परिवारों पर बेदखली का संकट खड़ा हो गया है।

इस कार्यवाही पर आने वाले खर्चे की वसूली भी इन्ही अतिक्रमण कारियों से की जाएगी..रोशन लाल जायसवाल सीनियर सेक्शन इंजीनियर काठगोदाम…

रेलवे विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर काठगोदाम रोशन लाल जायसवाल ने बताया कि रेलवे भूमि पर अवैध कब्जेदारों को कब्जे हटाने के लिए पूर्व में दस दिनों का नोटिस दिया गया था।जिसके अनुपालन में रेलवे भूमि पर काबिज़ लोगों ने अपने कब्जे नही हटाये।अब उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिलाधिकारी महोदय से फ़ोर्स की माँग की गई है।और अब इस कार्यवाही पर आने वाले खर्चे की वसूली भी इन्ही अतिक्रमण कारियों से की जाएगी।