देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के तरीके हिमांचल प्रदेश से सीखने होंगे..यहाँ रीत है उल्टी..सैलानियों को नैनीताल पैक का वास्ता देकर किया जाता है वापस…

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सरोवर नगरी में पर्यटकों को रिझाने के लिए नही होते कोई आयोजन..केवल बड़े होटल्स तक सीमित रहते हैं यहाँ सेलिब्रेशन..उत्तराखंड को हिमांचल प्रदेश से सीख लेने की जरूरत…

 

अगर आप किसी प्रदेश की संस्कृति,सभ्यता, खानपान का लुफ्त उठाना चाहते हैं तो वहाँ आयोजित होने वाले इवेंट्स में शामिल हो जाइए। हिमांचल प्रदेश देश में टूरिस्ट डेस्टिनेशन के लिए सर्वाधिक लोकप्रिय है। वर्ष 1977 से हिमांचल के प्रमुख हिल स्टेशन मनाली में नव वर्ष के उपलक्ष्य में विंटर कार्निवाल आयोजित किया जाता है।इस बार मनाली का विंटर कार्निवाल 2 जनवरी, 2023 से 6 जवनरी 2023 में आयोजित होगा। पाँच दिनों के इस आयोजन को करने का मुख्य उद्देश्य पर्यटकों को यहां की संस्कृति, रीति-रिवाज और खानपान से रूबरू कराना होता है।सर्द मौसम में पर्यटक यहाँ बर्फबारी व एडवेंचर्स एक्टिविटी,स्थानीय लोकनृत्य और संगीत का आनंद भी ले सकते हैं।

नए साल के स्वागत में सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों के लिए स्थानीय संस्कृति, लोकनृत्य, खानपान के लिए नही होता है कोई आयोजन…

सरोवर नगरी नैनीताल भी अपने आँचल में बहुत सुरम्यता समेटे है पर इस नगरी में ऐसा कोई सेलिब्रेशन नही होता।जहाँ आप उत्तराखंड की संस्कृति, सभ्यता, पहनावा व खान-पान का आनंद ले सकें। बहुत वर्ष पहले झील नगरी में भी ऑर्टम सीजन में “विंटर कार्निवाल” आयोजित किया जाता था पर स्थानीय प्रशासन द्वारा अब ऐसे कुछ आयोजन भीमताल व आस-पास के क्षेत्रों में आयोजित करके इतिश्री कर ली जाती है।मतलब सरोवर नगरी को पूरी तरह से आयोजनों से दूर रखा गया है। 31 दिसंबर को नववर्ष के स्वागत के लिए नौजवानों का हुजूम इस सुंदर पर्यटक स्थल का रुख अवश्य करता है पर स्थानीय संस्कृति,लोकनृत्य व स्थानीय खानपान व एक व्यवस्थित आयोजन की कमी हमेशा खलती रहती है।उत्तराखंड शासन व स्थानीय प्रशासन ऐसे आयोजनों को करने से शायद इसीलिए घबराता है कि आगंतुकों को झीलनगरी में बुलाकर उनके वाहन कहाँ पार्क करेंगे।और सड़कों को दुरुस्त किया नही है तो निश्चित ही सैलानियों को आमंत्रित करना ठीक नही होगा।पिछले डेढ़ साल से नैनीताल जिले की सड़कें पूरी तरह से बदहाल हैं…