विमोचन….आखिर क्यों चीफ जस्टिस ने कहा कानून को छापना है जिम्मेदारी का काम…..राज्य में नौकरी के विवाद पर क्या बोले जस्टिस सांघी……उप महाधिवक्ता पुंडीर की किताब का किया चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने विमोचन….

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नैनीताल – उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने राज्य में चिंता जाहिर की है कि राज्य में कई पब्लिसर बिना जिम्मेदारी के किताबें छाप रहे हैं। चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि अच्छे पब्लिकेशन के लिये अच्छे पब्लिसर को जिम्मेदारी के साथ अपना काम करना होगा क्योंकि लाँ कानून को छापना जिम्मेदारी का काम है। नैनीताल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सभागार में चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने हाईकोर्ट उपमहाधिवक्ता एनएस पुण्डिर की किताब का विमोचन किया है। हाईकोर्ट बार सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड सर्विस मैनुअल का आज विमोचन किया गया जिसमें हाईकोर्ट के जस्टिस संजय मिश्रा,जस्टिस मनोज तिवाड़ी जस्टिस खुल्बे और जस्टिस रविन्द्र मैठाणी के साथ हाईकोर्ट के अधिवक्ता मौजूद रहे। इस दौरान उपमहाधिवक्ता एन एस पुण्डिर,अध्यक्ष बार एसोसिएशन प्रभाकर जोशी,पुष्पा जोशी, समेत अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने जजों का स्वागत किया। इस दौरान जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि ये पुस्तक यूपी और उत्तराखण्ड राज्य के वादकारियों वकीलों और बार बैंच के लिये महत्वपूर्ण व मदद रहेगी..इस किताब में उत्तराखण्ड और यूपी के सभी विभागों के अभी तक के अधिनियम नियमावली यानि रुल्स रेगुलेशन हैं अब इसके 16 और वाँल्यूम प्रकाशित होंगे।

चीफ जस्टिस ने जाहिर की चिंता…

इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि रोजाना उनकी कोर्ट में 40 मुकदमे सर्विस से जुड़े पहुंच रहे है और राज्य में नौकरी से जुड़े विवाद ज्यादा हैं क्योंकि जब से वो आए हैं तब से उनके लिये भी ये चुनौती बना है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जो भी सरकारी आदेश हैं उनमें जो आँफिस की हिंदी का उपयोग हो रहा है वो आम चलन की भाषा नहीं है।
चीफ जस्टिस ने अपने संबोधन में कहा कि एन एस पुण्डिर और उनकी टीम ने मेहनत की और यूपी उत्तराखण्ड के सर्विस मैनुअल के जरिये लोगों को आसानी से एक्ट व रुल्स एक साथ पर मिल जाएंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि आज जरुरत है कि पब्लिसर भरोषा पैदा करें ताकि बार बैंच और वादकारियों को एक स्थान पर सब कुछ मिल सके और बेहतर आँड़र कोर्ट से मिल सके। वहीं सर्विस मैनुअल के लेखक एन एस पुण्डिर ने कहा कि 15 से 16 वाँल्यूम में ये प्रकाशिक होगा जिसका फायदा दोनों राज्य को मिलेगा इसमें रुल्स एक्ट के साथ अगर किसी नियमावली में बदलाव हुआ है उसको भी रखा गया है।