उत्तराखंड के नैनीताल,मसूरी रोपवे के लिए तीन साल सर्वे में निकाले….अब रोड बनाने वाले करेंगे दुबारा सर्वे, बढ़ेगा इंतजार…..

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नैनीताल से संजय नागपाल की रिपोर्ट

नैनीताल – हल्द्वानी रानीबाग से नैनीताल हनुमानगढ़ी रोपवे का इंतजार और बढ़ गया है। अब नैनीताल रानीबाग रोपवे का निर्माण नेशनल हाई ऑथरिटी ऑफ इंडिया करेगी जिसके तहत पूरा सर्वे अब दुबारा होगा। हाई कोर्ट में NHAI ने कहा कि जो सर्वे सरकार ने तीन सालों में किये हैं उससे इतर वो सभी सर्वे दुबारा करेंगे जिसके लिए जर्मन कंपनी को काम दिया गया है और करीब 9 करोड़ का प्रारंभिक बजट जारी किया है। इस दौरान नही NHAI के वकील ने कहा कि सभी रोपवे प्रोजेक्टों को अब पूरे भारत मे वहीं बनाएगी इसके लिए भारत सरकार स्तर से उनको अनुमति मिल गयी है उनको प्रोजेक्ट सौंप दिए हैं । आज सुनवाई के बाद कोर्ट ने NHAI को शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल करने को कहा है। हालांकि सरकार ने भी कोर्ट में कहा कि आईआईटी रुड़की की रिपोर्ट इसमें आयी है लेकिन कोर्ट ने हाईवे अथॉरिटी को निर्देश देकर कहा है कि वो जवाब फाइल करें।

ये कहा है याचिका में…

पर्यावरणविद् अजय रावत ने हाईकोर्ट मे जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि हनुमान गढी में सरकार द्वारा जो रोपवे लाने का प्रस्ताव है वो बिना भूर्गभ की रिपोर्ट को जांचे लिया गया फैसला है। याचिका में कहा गया है कि हनुमान गढी की पहाडियां मिट्टी का चट्टान है जिसमें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व में हाईकोर्ट में याचिका पर वन विभाग ने खुद कहा है कि इस जमीन पर कुछ भी बनाना संभव नहीं है लिहाजा इस पर हनुमान वाटिका बनाया जायेगा… याचिका में कहा गया है कि हनुमानगढी के दोनो ओर से लगातार बलियानाला व निहालनाला कटाव कर रहा है जिससे इसकी संवेदनशीलता पर और ज्यादा खतरा पैदा हो गया है। याचिका में खुर्पाताल या फिर पटवाड़ांगर में रोपवे का स्टेशन बनाने की मांग की गई है।

सरकार तीन साल में करती रही सिर्फ सर्वे…

दरअसल नैनीताल में यातायात का दबाव कम करने के लिए रानीबाग से हनुमानगढ़ी तक रोपवे लाने के लिए सरकार ने खाका खिंचा जिसके बाद सरकार पूरी तरह कागजों में ही दौड़ती रही। इसी बीच केंद्र सरकार ने सभी प्रोजेक्ट NHAI को दे दिए। हालांकि राज्य सरकार में इस रोपवे के लिए आईआईटी रुड़की ने सर्वे किया और करोड़ों खर्च भी हुए लेकिन परिणाम सिफर ही रह ,, वही सरकार की प्लानिग थी उस वक्त सचिव पर्यटन ने कहा कि नैनीताल में वाहनों का भार कम करने के लिये रानीबाग से नैनीताल तक रोपवे शुरू करने का प्रस्ताव है जिसमें 1 घंटे में 1 हजार लोगों को नैनीताल में लाया जा सकता है। इसके साथ ही इसमें 700 करोड़ का खर्च आयेगा जो पीपीपी मोड़ में बनाया जायेगा जिसका खाका जल्द तैयार हो जायेगा। पर्यटन सचिव ने कहा कि नारायणनगर व अन्य स्थानों पर भी पार्किंग के लिये सरकार फिर केन्द्र के पास प्रस्ताव भेज रही है अगर उनको अनुमति मिलती है तो सरकार इन स्थानों पर पार्किंग निर्माण शुरु करेगी।

याचिका से पहले अजय रावत ने उठाये थे ये सवाल

हनुमानगढी की इन पहाडियों में रोपवे स्टेशन निर्माण पर अजय रावत ने सवाल उठाए थे उन्हौने कहा था कि रोपवे लाने का सरकार का प्लान जरुर है लेकिन मनोरा थ्रस्ट फाल्ट लाइन के इस स्थान से गुजरने से इस पहाड़ी को भूगर्भशास्त्रियों ने खतरा बताया है तो हाईकोर्ट ने भी इस स्थान पर निर्माण पर पूर्व में रोक लगा रखी है। 70 मीटर तक कोई कठोर चट्टान ना होने से पहाड़ी के खतरनाक होने से जहां डीएफओ कार्यालय,हेलीपैड़ के निर्माण को भी अनुमति नहीं मिल सकी,इतना ही नहीं साल 1898 में इस पहाडी में भूस्खलन होने से भी 27 लोगों की मौत हुई तो 18वी शताब्दी में ही कृष्णापुर,दुर्गापुर,अमृतपुर तीन स्टेट में से अमृतपुर स्टेट का नामोनिशान खत्म हो गया। पहाडियों की संवेदनशीलता को देखते हुए अंग्रेजों ने नैनीताल में ट्रेन को ना लाने का निर्णय लिया तो नैनीताल के लिये सड़क लाने के रास्ते को भी बदलना पड़ा है।