वाह सरकार… अंग्रेजी माध्यम से पढ़ रहे बच्चों को किया जा रहा है हिंदी मीडियम स्कूल में जबरन भर्ती… स्कूल बंद करने के लिये बीजेपी को कोसने वाली विधायक सरिता आर्या भी नहीं रोक सकी समायोजन… सरकार और विधायक से उम्मीद टूटी तो हाईकोर्ट पहुंचे अभिभावक..

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नैनीताल – राज्य में राजीव गांधी अभिनव स्कूलों को बंद करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। स्टार खबर के बाद हांलाकि राज्य के शिक्षा मंत्री ने इन स्कूलों को बंद नहीं करने की बात कही थी लेकिन स्थानीय लोगों को ना तो विधायक सरिता आर्या पर भरोषा है और ना ही सरकार पर अब अभिभावक कोर्ट की सरण में हैं..याचिका में कहा गया है कि गरिबों के बच्चों को भी मुक्त शिक्षा का अधिकार है और उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है जिसके चलते वो प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा नहीं दे सकते हैं। हाईकोर्ट कार्यवाहक चीफ जस्टिस कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिये स्वीकार करते हुए 8 जून की तारिख तय कर दी है उस दिन सरकार और अन्य पक्षकारों से जवाब लिया जायेगा।

क्यों आना पड़ा इन लोगों को कोर्ट…

दरअसल राज्य सरकार ने 4 अगस्त 2015 को राज्य के चार स्थान बेतालघाट,जयहरीखाल,बेरीनाग,जोशीमठ में राजीव गांधी अभिवन स्कूलों को शुरु किया। इन स्कूलो में बच्चों को 6 से लेकर 12वीं तक की शिक्षा देनी थी जिसमें रहने खाने कपड़े उपचार की व्यवस्था इन आवासीय स्कूलो में कर दी गई..हांलाकि पहले चरण में सिर्फ ये 10वीं तक ही शुरु हो सके और इन स्कूलों में उन्ही बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जाती थी जो ब्लाक में सरकार स्कूलों के मेधावी छात्र हैं। इनके प्रवेश से पहले बकायदा इन बच्चों को परीक्षा भी देनी होती है जिसमें मैरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। हांलाकि नैनीताल के बेतालघाट में 3 करोड़ में हाँस्टल निर्माण हुआ लेकिन वो भी अभी स्कूल को नहीं मिल सका है। अब 13 मई को राज्य सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का निर्णय ले लिया और इन बच्चों को अटल उत्कृष्ट स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया जयहरीखाल और जोशीमठ में तो इन बच्चों को हिंदी मीडियम स्कूलों में भर्ती कर दिया गया। अब बेतालघाट के अभिभावक सुरेन्द्र सिंह ने याचिका दाखिल कर कहा है कि सरकार का स्कूल बंद करने का जीओ असंवैधानिक है जिसको निरस्त किया जाए। याचिका में कहा गया है कि राइट टू एज्यूकेशन में उनके बच्चों का भी अधिकार है वो अंत्योदय राशन कार्ड धारक हैं और वो अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में इस लिये नहीं पड़ा सकते हैं उनके पास फिस के लिये पैंसा नहीं हो सकता है और अच्छी शिक्षा अच्छे स्कूल का अधिकार उनके बच्चों को भी है।

विधायक से नाजार हैं लोग तो मंत्री की नहीं मानते अधिकारी…

दरअसल कांग्रेस में रहते वक्त विधायक सरिता आर्या ने धामी सरकार को स्कूल बंद करने के लिये जमकर कोसा था और पत्र जारी कर इस स्कूल को बंद करने का विरोध किया था..हांलाकि बीजेपी में शामिल होते ही स्कूल बंद हो गया और आन्दोलन की चेतावनी के बाद विधायक उस इलाके में नहीं गई है। इतना ही नहीं जब इस मामले मे स्टार खबर ने अपनी सरकार की आंख खोली तो नैनीताल कल्ब से शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा अधिकारियों से वार्ता की और स्कूल को समायोजन ना करने का आदेश दिया लेकिन स्कूल समयोजन नहीं रुकने से अब अभिभावक हाईकोर्ट की सरण में हैं। उधर ब्लाक के लोगों ने इसके खिलाफ आन्दोलन की चेतावनी दी है। नैनीताल के बेतालघाट के अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने विधायक से लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर दी है वहीं विधायक गायब होने से भी नाराज है..ग्राम प्रधान संगठन के सचिव शेखर दानी ने कहा कि इस मामले में कड़ा विरोध है और स्कूल बंद करना बच्चों के शिक्षा के अधिकार पर डांका लाडने जैसा है..दानी ने कहा अगर सरकार ने वापस फैसला वापस नहीं लिया तो आन्दोल करेंगे।