नकारा सिस्टम….. सीवर के पानी से तंग आकर सुनील ने छोड़ा घर…. किराए के घर मे जाकर लड़ा केस तो हाईकोर्ट आदेश का नहीं हुआ पालन..

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संजय नागपाल की रिपोर्ट

नैनीताल – अगर किसी को अपना घर सिर्फ इस लिए छोड़ना पड़े की वो नैनीताल जैसे खूबसूरत शहर में सीवर की गंदगी से परेशान हो,,ऐसा ही कुछ झेला है नैनीताल के सुनील कुमार ने, सुनील के घर मे सीवर इस कदर घुसा की कोर्ट के आदेश के बाद भी वीवीआईपी शहर के डीएम से लेकर कमिश्नर तक इस समस्या का समाधान नहीं कर सके,अब इन अधिकारियों पर कोर्ट के आदेश की अवमानना के केस की तलवार लटक गयी है।

झील नगरी नैनीताल की रिहायशी कालोनियों के बाशिंदे आजकल जगह जगह सीवर की गंदगी से त्रस्त हैं।दरअसल नैनी वैली में झील के सभी तरफ ऊँची-ऊँची पर्वत मालाएं हैं जिसमें लगभग सभी भवनों का निर्माण,पहाड़ों की ऊँचाई व खड़ी ढलानों को काट कर किया गया है। खड़ी चढ़ाई होने के चलते सभी भवन एक दूसरे के ऊपर या नीचे ही बनाये गए हैं। जब कभी ऊँचाई में बने भवनों के सीवर में रिसाव होता है तो उनके नीचे की तरफ रहने वाले स्थानीय निवासियों के घरों में ओवर फ्लो हो रहा सीवर का मलबा घुस जाता है। नगरपालिका का आलम यह है कि वो इस बेहद सुंदर पर्यटक स्थल को पूरी तरह से साफ़ नहीं कर पा रहा है।

सीवर की गंदगी के चलते छोड़ा अपना घर….किराए के मकान से लड़ा केस..

बहरहाल यहाँ हम बात कर रहे हैं सुनील कुमार की जो कि सात नंबर स्टॉफ हाउस में अपने पूर्वजों के भवन में वर्षों से निवास करते रहे हैं। पिछले भवनों के बीच से सीवर के ओवर फ्लो से परेशान हो चुके हैं।जो कि बह कर सीधे उनके घर में घुस जा रहा है।लिहाज़ा सुनील ने नगरपालिका सहित जिला प्रशासन व जिलाधिकारी सहित सभी अधिकारियों से मदद की गुहार की,लेकिन किसी भी अधिकारी के कानों में जूं नही रेंगी। आख़िरकार सुनील कुमार ने डेढ़-दो वर्ष पूर्व किसी ऊँचे स्थान में घर किराए पर ले लिया। और जिला प्रशासन व नगरपालिका से लगातार मदद की गुहार करते रहे।लेकिन किसी भी अधिकारी ने उक्त मामले का संज्ञान नही लिया।
सितंबर 2021 तक कहीं से मदद न मिलते देख सुनील कुमार उच्च न्यायालय नैनीताल की शरण में चले गए।पर अभी तक उन्हें उच्च न्यायालय से भी संबंध में राहत नही मिली।अगस्त 2020 में भी सुनील कुमार ने उक्त संबंध में उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी पर हाई कोर्ट ने एग्जीक्यूटिव इंजिनियर उत्तराखंड जल संस्थान नैनीताल को दस दिनों के भीतर संबंध में अवगत कराने व उनके द्वारा चार हफ्तों के भीतर इस मामले को निस्तारित करने के आदेश निर्गत किये थे। जिसके एवज में नगर पालिका नैनीताल ने एक सीवर चैंबर की सफाई करवा दी तथा दो ओवर फ्लो चैंबर छोड़ दिये। जिससे सीवर का गंदा व दूषित मलबा सुनील के घर में बदस्तूर घुसता रहा और केस लड़ने के बाद भी सुनील को कोई राहत नहीं मिल सकी।हालांकि कोर्ट के आदेश का समय बहुत पहले निकल चुका है।और अब इस मामले में कोर्ट के फ़ैसले की अवमानना का मामला भी संबंधित अधिकारियों पर बनता है।

सीवर से शहर का बुरा हाल झील में जा रहा है मल मूत्र..

  • दरअसल पिछले कई दिनों से नैनीताल शहर में सीवर का गंदा पानी नैनीझील में जा रही है। मानसरोवर जैसे जल में मल मूत्र इस कदर जा रहा है कि पानी पीने लायक भी नहीं है। नैनीताल के रॉयल होटल कंपाउंड में 4 स्थानों से गंदा पानी झील में जा रहा है तो चीना बाबा के आसपास से झील में गंदगी पिछले 40 दिनों से जा रही है। ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत किसी अधिकारी को नहीं की गयी।  जल संस्थान से लेकर डीएम तक को गंदे पानी के रिसाव की जानकारी दी गई। लेकिन हालात जस के तस बने हैं।
  • कुलमिलाकर सुंदर व सुरम्य दिखने वाले पर्यटन स्थल के सीने में भी बहुत से गंदे दाग हैं।जिसे ठीक करना स्थानीय नगर पालिका, जल संस्थान व जिला प्रशासन के बूते की बात नही लगती है।और जिला प्रशासन भी आँखें मूंदे बैठा है…