सी.ए.जी जाँच में खुला घोटाला..सिस्टम ने मृतकों को बाँट दी पेंशन..

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने खोली पेंशन अनिमितताओं की पोल..कहीं मृतकों को पेंशन तो कहीं जीवितों को मानकों से कम पेंशन दिए जाने की रिपोर्ट…

देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, सी.ए.जी ने राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के कार्यान्वयन में कई खामियों का पता लगाया है। जिसमें गरीबी रेखा से नीचे की श्रेणी के बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों को सामाजिक पेंशन प्रदान करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना को शुरू किया गया था।सी.ए.जी रिपोर्ट के मुताबिक़ 26 राज्यों में सरकारों ने लगभग 2,103 लाभार्थियों को उनकी मृत्यु के बाद भी 2 करोड़ रुपये की पेंशन का भुगतान किया है। यह अध्ययन 2017 से 2021 की अवधि के लिए किया गया।सी.ए.जी रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि लगभग 13 राज्यों ने एन.एस.ए.पी दिशानिर्देशों के विपरीत 2.4 लाख से अधिक लाभार्थियों को कम दर पर पेंशन का भुगतान किया गया जिसके परिणामस्वरूप 42.85 करोड़ रुपये का कम भुगतान हुआ।

मृतकों को पेंशन देने के मामले में बंगाल प्रथम तो गुजरात दूसरे व त्रिपुरा तीसरे नंबर पर..- सी.ए.जी की रिपोर्ट…

आपको बता दें कि एन.एस.ए.पी दिशानिर्देशों के अनुसार लाभार्थियों की मृत्यु, प्रवासन या बी.पी.एल बेंचमार्क को पार करने पर पेंशन का भुगतान बंद हो जाता है। हालाँकि रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि विभिन्न राज्यों में स्थानीय निकाय समय पर मौतों के आँकड़ें एकत्रित करने में विफल रहे हैं। जिसके कारण उन लोगों को पेंशन का अधिक भुगतान हो गया जो अब इस दुनिया में हैं ही नही।देश के 26 राज्यों में जहाँ मृत्यु के बाद भी लाभार्थियों को सबसे अधिक अतिरिक्त भुगतान किया गया उनमें पश्चिम बंगाल सबसे अव्वल रहा।दूसरे स्थान पर गुजरात व तीसरे पर त्रिपुरा रहा। बंगाल में 453 खातों में 83.27 लाख रुपयों का भुगतान तो गुजरात में 413 खातों में 11.83 लाख रुपयों का और त्रिपुरा में 250 खातों में 1.83 लाख रुपये का भुगतान किया गया। मणिपुर, मिजोरम और पुडुचेरी ने ‘मृत’ लाभार्थियों को सबसे कम अतिरिक्त पेंशन का भुगतान किया।इसी तरह से छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेंशन की 57.45 करोड़ रुपये की धनराशि अन्य योजनाओं में लगा दी गई।