सैलानियों की ज्यादा भीड़ होने पर मुख्यमंत्री धामी ने नैनीताल प्रवास किया कैंसिल..वी.वी.आई.पी कल्चर से पर्यटक हुए परेशान…

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सरोवर नगरी नैनीताल में बड़ी संख्या में आए पर्यटकों को वी.वी.आई.पी व्यवस्थाओं से असुविधा न हो इसके दृष्टिगत सीएम पुष्कर सिंह धामी नैनीताल में पूर्व निर्धारित रात्रि विश्राम की जगह आज रात्रि प्रवास मुक्तेश्वर में करेंगे…

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा द्वारामुक्तेश्वर पहुंचकर 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत शामिल पर्यटक स्थल मुक्तेश्वर का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने केएमवीएन मुक्तेश्वर पहुँचकर हिमदर्शन व्यू पॉइंट से लगभग 300 किलोमीटर में फैली हिमालयी पर्वत शिखर नन्दा देवी, त्रिशूल, नन्दकोट, नन्दा खाट, हाथीपर्वत, अन्नपूर्णा व पंचाचूली पर्वत को निहारा। कहा कि हिमालय पर्वत श्रृंखला विराट, विशाल, खूबसूरत और आध्यात्मिक है। हिमालय की ऊंचाई मन मे सकारात्मक का भाव लाता है।उन्होंने कहा कि मुक्तेश्वर वर्ष भर सैलानियों की पहली पसंद बन रहा है।यहाँ महादेव मंदिर में सौंदर्यीकरण कार्य, चौली की जाली, मुक्तेश्वर गार्डन, हिमदर्शन, भालू गाड़ वाटरफॉल का विकास के साथ ही सरगाखेत में पुराने पुलिस थाने भवन का हैंडीक्राफ्ट कैफ़े के रूप में जीर्णोद्धार लगभग 04 करोड 16 लाख की लागत से किया गया है।

इस मौके पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, पुलिस कप्तान पंकज भट्ट, एम.डी के.एम.वी.एन विनीत तोमर, एम.डी ए.बी बाजपेई, अपर जिलाधिकारी शिवचरण द्विवेदी, विधायक राम सिंह कैडा, जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, डॉक्टर अनिल कपूर डब्बू, देवेंद्र ढैला, भावना पांडे,रंजन बरगली, कार्तिक हरबोला, कनिष्ठ ढींगरा, प्रदीप बिष्ट, कुंदन चिलवाल, देवेंद्र बिष्ट, हेम बोरा, उपजिलाधिकारी धारी योगेश मेहरा, तहसीलदार तान्या रजवार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

सरोवर नगरी में आज पूरे दिन रही जाम की स्थिति..सुबह राज्यपाल तो दोपहर में मुख्यमंत्री धामी रहे नैनीताल में…

आपको बता दें कि आज प्रदेश के राज्यपाल भी नैनीताल दौरे पर थे।जिससे पर्यटकों को झील नगरी आने के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।गुड़गांव से सपरिवार नैनीताल आये सुनील गुप्ता ने कहा कि छोटी सी सुंदर झील नगरी में नेताओं का जमावड़ा नही लगना चाहिए।क्योंकि नैनीताल प्रवेश से पहले ही पुलिस प्रशासन आमजन को सड़कों पर ही रोक देता है।जिससे घन्टों छोटे-छोटे बच्चों को कुछ भी खाने को नही मिलता है।और अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।इसलिए नेताओं को पर्यटक स्थलों में बहुत कम समय के लिए ही आना चाहिए जिससे आगंतुकों को जाम के झाम से जूझना नही पड़े।