टैक्सी बिल घोटाला…दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ स्वास्थ्य मंत्रियों व अधिकारियों की बड़ी मुश्किलें…1 हफ्ते में सरकार ने क्या की कार्रवाई नहीं तो दर्ज करें FIR – हाईकोर्ट

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नैनीताल – उत्तराखण्ड़ में 2009 व 2013 के मुख्यमंत्रियों व स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ 4 जिलों के सीएमओ दफ्तर में तैनात अधिकारियों के साथ कोषागार अधिकारियों की मुसीबत बढने वाली है। हाईकोर्ट ने टैक्सी बिल घोटाले मामले में माना है कि इस मामले में प्रथम दृष्यया घोटाला दिख रहा है…क्या सरकार ने इसमें शामिल लोगों चाहे वो मंत्री क्यों ना हों उन पर कोई एक्शन लिया है या नहीं 1 हफ्ते में कोर्ट को बताएं..जस्टिस शरद शर्मा की कोर्ट ने कहा है कि अगर सरकार इस पर शपथ पत्र दाखिल नहीं कर सकेगी तो सचिव ग्रह इन सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें। कोर्ट ने माना कि जब ये मामला सामने आया था तो उस वक्त बिलों को सत्यापित किया गया था वो भी मुख्यमंत्री के दफ्तर से और उस वक्त के अधिकारियों ने इस पर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की है कि ये फर्जी बिल हैं और पैंसा भी कोषागार से निकाल लिया गया..जिसमें उनकी संलिप्तता भी दिख रही है कोर्ट ने कहा कि आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जैसा सरकार से दावे जवाब में दिखता है। आपको बतादें कि राज्य में तेल बिल घोटाला 2009 व 2013 में सामने आया था..इन सालों में मुख्यमंत्रियों की फ्लीट में विभाग ने बाहर से गाडियां मंगाई और 1 करोड़ 38 लाख के बिल बनाकर उनका पैंसा निकाल लिया गया,,2015 में इस मामले पर तत्कालिन सीएमओ द्वारा देहरादून के डालनवाला कोतवाली देहरादून व ऋषिकेश में एफआईआर दर्ज की और काला टूर आँपरेटर व उनियाल टूर आँपरेटर को आरोपी बनाया आरोप लगाया था कि इन लोगों ने फर्जी बिल बनाकर पैंसा लिया आरोप था कि करिब 22 लाख काला टूर एंड़ ट्रेवलर्स ने लिया 5 लाख का भुगतान उनियाल टूर को किया गया..गिरफ्तारी से बचने के लिये दोनों हाईकोर्ट आए तो इसी दौरान पुलिस ने चार्जशीट इनके खिलाफ फाईल कर दी..चार्जशीट को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की और आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट में इन दोनों टूर आँपरेटरों ने कहा कि जो भी बिल उन्हौने निकाले वो सीएम कार्यालय से सत्यापित थे लिहाजा उन्हौने कोई फर्जी बिल नहीं पेश किये थे। आज जस्टिस शरद शर्मा की कोर्ट ने मामले को गम्भीर मानते हुए इसमें शामिल मंत्रियों और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की है इसकी रिपोर्ट मांगी है साथ ही कहा है कि अगर सरकार इस पर जवाब नहीं देती है तो सचिव ग्रह इस पर एफआईआर दर्ज करें।