वीडियो देखें…एक मिनट में गिर गया नैनीताल में घर हिमांचल जैसे बन गये हालात कई घरों पर संकट….सुबह 8 बजे की सूचना के बाद अधिकारी पहुंचे 2 बजे कौन था ऐसे मकानों को बनवाने का जिम्मेदार..

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नैनीताल – नैनीताल में भी हिमांचल जैसे हालात बने रहे हैं..नैनीताल में आज दिन के वक्त करिब 1 बजकर 20 मिनट पर भोटिया फिल्ड़ के पास एक भवन भरभराकर गिर गया..इस भवन से निचे 2 टिन सेट भी जमीदोज हो गये हैं। राहत की बात ये रही कि दिन के वक्त ये लैंड़स्लाइड़ हुआ है जिसके चलते बड़ा हादसा टल गया है.. दरअसल रात में बारिश के बाद बीडी पाण्डे जिला अस्पताल के पीछे दिवार गिरी थी जिसकी सूचना प्रशासन को दी गई..

लेकिन प्रशासन ने इसे गम्भीर नहीं माना और जिले के सबसे छोटे अधिकारी वहां से मौका मुआयना कर लौट गए..इसी बीच खतरा 11 बजे से और ज्यादा बन गया लगातार भूकटाव हुआ तो वहीं दिन के बाद अचानक पूरा मकान ताश के पत्तों की तहर गिर गया..इस घटना के बाद लोगों में दहशत का माहौल है तो लोग खतरे की जद में हैं। हांलाकि प्रशासन ने अब यहां लोगों के घरों को खाली कराना शुरु कर दिया है और उप्परी इलाकों में बनी दरारों से संकट पूरे क्षेत्र में बना हुआ है। कई मकान और गिर सकते हैं। हांलाकि प्रशासन के कामकाज पर भी सवाल उठ रहे हैं सुबह से ही ये घटना की सूचना होने के बाद 2 बजे जिम्मेदार मौके पर पहुंचे तब तक पूरा मकान टूट गया था..

जिम्मेदार कौन…

दरअसल इस घटना के बाद एक सवाल तेजी से पूछा जा रहा है कि इसका जिम्मेदार आंखिर कौन है..दरअसल इस इलाके में भवनों के नक्शे पास किसने किये और कौन वो अधिकारी था जिसने मकानों को बनाने की अनुमति दी इस पर सवाल उठ रहे हैं। पूरा क्षेत्र संवेदनशील होने के बाद भी कंकरीट के जंगल में पूरा क्षेत्र तब्दील होता रहा है तो प्राधिकरण से लेकर जिला प्रशासन ने भी आंख बंद कर दी थी अब हालात इस कदर बिगड़े हैं कि पूरा इलाका डेंजर जोन में तब्दील हो गया है..वहीं नैनीताल जिला प्रशासन के एसडीएम प्रमोद कुमार ने कहा कि पूरे क्षेत्र को खाली कराया जा रहा है और इन लोगों के रहने की व्यवस्था की जा रही है..वहीं प्रशासन की लेट आने पर पूछे जाने पर कहा कि सूचना 8 बजे मिली थी लेकिन उनका अधिकारी मौके पर आए थे लेकिन घर गिरा है और इस घर को मानकों के खिलाफ बनाया गया था..