महिला जानें अपना अधिकार…इन अपराध पर आपके लिए ये कानून

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महिलाओं के साथ छेड़खानी पर कानून
(धारा 509,294, 354 भारतीय दंड संहिता)
आईपीसी की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकतें करना या अश्लील गाने गाना या दूसरों को परेशान करने वाले शब्दों का इस्तेमाल करना अपराध है।

जो कोई किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के आशय से कोई शब्द कहेगा, कोई ध्वनि या अंग विक्षेप करेगा, या कोई वस्तु प्रदर्शित करेगा, इस आशय से कि ऐसी स्त्री द्वारा ऐसा शब्द या ध्वनि सुनी जाए, या ऐसा अंगविक्षेप या वस्तु देखी जाए, अथवा ऐसी स्त्री की एकान्तता का अतिक्रमण करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकती है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार किसी भी स्त्री की लज्जा को भंग करने का मतलब उस पर किया गया हमला या अपराधिक बल का प्रयोग इस तरह के अपराध को वारदातों को इसमें शामिल किया गया है।

शब्द, इशारा या मुद्रा जिससे महिला की मर्यादा का अपमान हो
यदि कोई व्यक्ति किसी स्त्री की मर्यादा का अपमान करने की नीयत से किसी शब्द का उच्चारण करता है या कोई ध्वनि निकालता है या कोई इशारा करता है या किसी वस्तु का प्रदर्शन करता है, तो उसे एक साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा होगी।

अश्लील मुद्रा, इशारे या गाने
यदि कोई व्यक्ति दूसरों को परेशान करते हुए सार्वजनिक स्थान पर या उसके आस-पास कोई अश्लील हरकत करता है या अश्लील गाने गाता, पढ़ता या बोलता है, तो उसे तीन महीने कैद या जुर्माना या दोनों की सजा होगी।

स्त्री के अभद्र रूप से प्रदर्शन पर कानून

(स्त्री अशिष्ट् रूप (प्रतिशेध) अधिनियम 1986)

स्त्री का अभद्र रूप या चित्रांकनः

यदि कोई व्यक्ति विज्ञापनों, प्रकाशनों, लेखों, तस्वीरों, आकृतियों द्वारा या किसी अन्य तरीके से स्त्री का अभद्र रूपण या प्रदर्शन करता है तो उसे दो से सात साल की कैद और जुर्माने की सजा होगी।

कार्यस्थल पर यौन शोषण पर कानून

(उच्चतम न्यायालय का विशाखा निर्णय, 1997)

-कार्यस्थल पर किसी भी तरह के यौन शोषण जैसे शारीरिक छेड़छाड़, यौन संबंध की माँग या अनुरोध, यौन उत्तेजक कथनों का प्रयोग, अश्लील तस्वीर का प्रदर्शन या किसी भी अन्य प्रकार का अनचाहा शारीरिक, शाब्दिक, अमौखिक आचरण जो अश्लील प्रकृति का हो, की मनाही है।

-यह कानून उन सभी औरतों पर लागू होता है, जो सरकारी, गैर सरकारी, पब्लिक, सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में कार्य करती हैं।

-पीडि़त महिला को न्याय दिलाने के लिए हर संस्था/दफ्तर में एक यौन शोषण शिकायत समिति का गठन होना आवश्यक है। इस समिति की अध्यक्ष एक महिला होनी चाहिए। इसकी पचास प्रतिशत सदस्य महिलाएं होनी चाहिए तथा इसमें कम से कम एक बाहरी व्यक्ति को सदस्य होना चाहिए।