हल्द्वानी कालूसिद्ध मंदिर में श्रद्धालुओं की नाक में दम कर रहे हैं भिखारी  व्यवस्थापक कालू सिद्ध मंदिर महंत निरंजन गिरी महाराज ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र  (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”  

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हल्द्वानी कालूसिद्ध मंदिर में श्रद्धालुओं की नाक में दम कर रहे हैं भिखारी

व्यवस्थापक कालू सिद्ध मंदिर महंत निरंजन गिरी महाराज ने सिटी मजिस्ट्रेट को लिखा पत्र

(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

हल्द्वानी::

हल्द्वानी के कोतवाल कहे जाने वाले कालू सिद्ध मंदिर में जहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ बढ़ती है, वहीं भीख मांगने वाली महिलाओं एवं हट्टे कट्टे पुरुषों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कालू सिद्ध मंदिर के व्यवस्थापक महंत निरंजन गिरी महाराज ने सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी को सुरक्षा को लेकर पत्र लिखा है व्यवस्थापक कालु सिद्ध मंदिर महंत निरंजन गिरी महाराज ने पत्र में कहा है कि विशेष कर आजकल नवरात्र में शहर कोतवाल कालू सिद्ध मंदिर के बाहर कई भीख मांगने वाली महिलाएं श्रद्धालुओं को परेशान करती देखी जा सकती हैं। ये महिलाएं अकसर मंदिर के परिसर पर बैठकर श्रद्धालुओं से भीख मांगती देखी जा सकती हैं। यही नहीं, मुख्य मंदिर मार्ग पर भी कई साधु और बच्चे भी भीख मांगते नजर आते हैं। कई बार आपस में और श्रद्धालुओं के साथ मारपीट तक कर देते हैं भिखारियों के कारण कालू सिद्ध मंदिर में अव्यवस्था हो जाती है प्रशासन की तरफ से इन पर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाय ।।

अन्य राज्यों की हैं महिलाएं एवं बच्चे और पुरुष

ये महिलाएं एवं पुरुष अकसर मंदिर परिसर पर बैठकर भीख मांगती हैं। अन्य राज्य की कई महिलाएं बच्चे व बुजुर्ग भीख मांगने का काम कर रहे हैं और क्षेत्र की गरिमा व पवित्रता को ठेस पहुंचा रहे हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

भीख मांगना अपराध पर प्रशासन लचीला,

लोग परेशान भले ही भीख मांगना एक अपराध माना जाता है, लेकिन इस पर प्रशासन की ढुलमुल कार्रवाई लोगों के लिए भारी परेशानियों का कारण बनती है। हल्द्वानी बस अड्डे साथ लगते कार पार्किंग और अन्य सार्वजनिक स्थलों में भी अकसर महिलाएं और बच्चे भीख मांगते हुए नजर आते हैं।

अपराधों को मिल रहा बढ़ावा

भिखारियों के भेष में कई बार आपराधिक तत्व पनाह लेते हैं। ज्यादातर भिखारी बाहरी राज्यों के हैं। उनका कोई पुलिस सत्यापन भी नहीं होता। नशेड़ी भिखारियों की वजह से भी आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं।