@. घटनाक्रम… ★. मेयर हों या पार्षद कोई फर्क नहीं पड़ता, मंदिर में खड़े हो ,मेरे भी दो बच्चे हैं, कसम खाओ ★. लालकुआं में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मंच से नेताजी को उतारा रिपोर्ट (चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

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हल्द्वानी:
कालूसिद्ध मंदिर में शनिवार को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान उस वक्त माहौल गरमा गया जब एसएसपी ने भाजपाइयों को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया। एक भाजपा नेता ने जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष व एक पार्षद को परिसर में प्रवेश दिलाने को कहा तो एसएसपी बोले कि पार्षद हो या मेयर कोई फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक गहमागहमी रही। सोशल मीडिया में यह घटना वायरल हो रही है। जब सीएम मंदिर में पहुंचे तो उनके साथ कई पार्टी नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। कुछ सीएम के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश करने में सफल रहे जबकि पुलिस ने जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष आनंद दरम्वाल और पार्षद राजेंद्र अग्रवाल मुन्ना को सड़क किनारे लगाई गई रस्सी से भीतर भी नहीं आने दिया। यह दोनों नेता सड़क पर खड़े रह गए। तब सह मीडिया प्रभारी वरिष्ठ भाजपा नेता चंदन सिंह बिष्ट ने एसएसपी पीएन मीणा से कहा कि रस्सी के दूसरी ओर जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और पार्षद हैं, उन्हें परिसर में आने दें। इस पर एसएसपी बोले पार्षद हो या मेयर कोई फर्क नहीं पड़ता। यह सुन चंदन सिंह विष्ट भड़क उठे। इसके बाद पुलिस और भाजपाइयों के बीच काफी देर तक तनातनी होती रही। बिष्ट ने इसे भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान करार दिया और उनकी आंखों में आंसू भी आ गए। किसी तरह बिष्ट ने खुद को संभाला। इसी दौरान दायित्वधारी रेनू अधिकारी ने भी पुलिस पर भाजपाइयों का अपमान का आरोप लगाया। बाद में भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारी की शिकायत सीएम धामी से की। कहा कि जिले के पुलिस अधिकारी कार्यकर्ताओं को ऐसे कार्यक्रम में अक्सर अपमानित करते रहते हैं। सीएम ने मामले का संज्ञान लेने का आश्वासन दिया। सीएम के आश्वासन के बाद भाजपाइ शांत हुए।

और नेताजी को उतार दिया: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में आयोजित सीएम के कार्यक्रम में भाजपा नेता भी अन्य लोगों के साथ मंच पर मौजूद कुर्सी पर जा बैठा। जैसे ही पुलिस की नजर इस नेता पर पड़ी तो उन्होंने यह कहते हुए उसे मंच से उतार दिया कि उसका नाम मंचासीन होने वालों की सूची में शामिल नहीं है।