नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय, आखिर क्यों देना पड़ रहा है एक दिन का वेतन (चन्दन सिंह बिष्ट) स्टार खबर

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नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय

आखिर क्यों देना पड़ रहा है एक दिन का वेतन

(चन्दन सिंह बिष्ट) “स्टार खबर”

नैनीताल:
उत्तराखंड राज्य में व्यापक प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर, जिसनें कई परिवारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है, माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये हैं: रजत जयंती समारोह का स्थगनः राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर न्यायालय ने उच्च न्यायालय की स्थापना की रजत जयंती समारोह के आयोजन के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। समारोह हेतु लिए ₹1.50 करोड़ के बजट प्रस्ताव को भी वापस लेने का निर्णय लिया गया है और राज्य सरकार से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह इस राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में आवंटित करे। यह योगदान प्रभावित परिवारों की राहत और पुनर्वास के लिए है, जो प्राकृतिक आपदाओं के कारण अत्यधिक कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

एक दिन के मूल वेतन का स्वैच्छिक योगदानः इसके अतिरिक्त, उच्च न्यायालय ने यह भी संकल्प लिया है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सदस्य न्यायमुर्तिगण एवं रजिस्ट्री में तैनात न्यायिक अधिकारीगण भी मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने एक दिन के मूल वेतन का दान करेंगे।

माननीय न्यायालय ने उत्तराखण्ड राज्य न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारियों तथा उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों के अधीनस्थ कर्मचारीगणों से भी चल रहे राहत प्रयासों में सहायता के लिए इसी प्रकार का स्वैच्छिक योगदान देने पर विचार करने का आह्वान भी किया है।

इन संकल्पों से न्यायपालिका की प्रतिबद्धता प्रतिबिंबित होती है कि वह इस आवश्यकता की घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है और उनकी राहत और पुनर्वास के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है। माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड के लोगों हेतु राहत प्रयासों में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।