सरोवर नगरी नैनीताल में झील के उस पार है माँ का अनोखा दरबार..जहाँ मिलता है निरोगी जीवन का वरदान…

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झील के उस पार है माँ का अनोखा दरबार..जहाँ मिलता है निरोगी जीवन का वरदान…

सरोवर नगरी नैनीताल की ठंडी सड़क पर झील के उस पार है मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली माँ का मंदिर..यह प्राचीन मंदिर “पाषाण देवी मंदिर”के नाम से विख्यात है।वैसे तो देवभूमि उत्तराखंड में अनेक मंदिर हैं पर यहाँ माँ दुर्गा के रूप में स्वयं विराजमान माँ भक्तों का विशेष ध्यान रखती हैं।इस दर से कभी कोई सवाली खाली हाथ नही लौटा है।इसीलिए स्थानीय निवासियों की मान्यता है कि माँ पाषाण देवी ही क्षेत्रवासियों की पुकार सुनकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।और हज़ारों वर्षों से यहाँ विराजकर इन विशेष पर्वतों की रक्षा भी कर रही हैं।

सिंदूर के चोले से अलंकृत माँ पाषाण देवी का वार्षिकोत्सव 18,19 व 20 जनवरी 2023 को होगा आयोजित…

आपको बता दें कि पाषाण देवी मंदिर का तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव कल से शुरू हो रहा है।जो कि 18,19 व 20 जनवरी तक अतिविशिष्ट पूजा अर्चना कर सम्पन्न होगा।ज्ञात रहे कि इस मंदिर में माता रानी को लंहगा चुनरी के स्थान पर सिंदूर का चोला पहनाया जाता है।यहाँ मंदिर में देवी के नौ रूपों के एक साथ दर्शन होते हैं।

इस विशेष सुअवसर पर माँ के दिव्य-भव्य रूप के दर्शन सभीजन अवश्य करें व लाभ उठाएं – मंदिर के पुजारी पंडित जगदीश चंद्र भट्ट

माँ के अनन्य सेवक व पाषाण देवी मंदिर के पुजारी पंडित जगदीश चंद्र भट्ट जी ने बताया कि गंभीर चर्म रोगों से ग्रसित लोगों को माँ के दर्शन मात्र से ही आराम मिलने लगता है।मर्ज ज्यादा होने पर भी माँ को स्नान कराए जल से स्नान करने पर जातक चर्म रोगों से पूर्णतः मुक्त हो जाता है।भट्ट जी ने बताया कि इन तीन दिनों में क्योंकि माँ की पूजा अर्चना विशेष मंत्रोच्चारण द्वारा की जाती है इसलिए इन दिनों में प्राकृतिक रूप से विशाल शिलाखण्ड पर उभरी हुई माँ की चेहरानुमा आकृति के दर्शनमात्र से ही मानवमात्र के लिए शुभ फलदायी होता है।अतः माँ के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन आप सभी को अवश्य करना चाहिए।