वर्तमान समय में विपक्षी राजनीतिक दल मुद्दों पर मूक बने हैं।लेकिन भाजपा सांसद ही खोल रहे हैं घोटालों की पोल…

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भाजपा सांसद वरुण गाँधी की बातें जायज़..पर पार्टी की छवि खराब करने वाली…

उत्तरप्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के तीन बार के सांसद वरुण गाँधी का पिछला ट्वीट जो कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के एक सप्ताह से कम समय मे टूट जाने का था।लगातार चर्चाओं में बना हुआ था क्योंकि विपक्षी दलों में तो यह कुव्वत बची नही है कि सत्तारूढ़ दल के गलत कामों से पर्दा हटाएं व हक़ीक़त जनता के बीच लेकर आएं। आजकल यह कार्य भाजपा सांसद वरुण गांधी कर रहे है। गंगा नदी में ढेरों मछलियों के मरने के बाद वरुण गाँधी ने अपनी ही केंद्र सरकार की “नमामि गंगे” योजना की बखिया ही उधेड़ दी है।

“नमामि गंगे” योजना की सफलता पर खड़े किए सवाल…

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे,किसानों पर थोपे गए तीन कृषि बिलों, रेलवे,अग्निवीर व बेरोजगारी के मुद्दों के बाद वरुण गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार की महात्त्वाकांक्षी योजना “नमामि गंगे” को लेकर बड़ा निशाना साधा है।उन्होंने कहा कि 11000 करोड़ खर्च करने के बाद भी गंगा नदी प्रदूषित क्यों है..?
वरुण गाँधी यहीं पर नही रुके।उन्होंने पूछा कि नदियों के इस वक़्त जो हालात हैं उसके लिए कौन जिम्मेदार है..? अपने ट्वीट के जरिये उन्होंने कहा कि गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नही..माँ है। गंगा तो जीवनदायिनी है,फिर गंदे पानी की वजह से मछलियों की मौत क्यों…? आखिर इसकी जवाबदारी किसकी…?

बड़ा सवाल-11 हज़ार करोड़ की रकम खर्च करने के बाद भी गंगा में प्रदूषण क्यों…?

भाजपा सांसद वरुण यहीं नही रुके,उन्होंने पूछा कि ₹11 हज़ार करोड़ खर्च किये जाने के बाद भी प्रदूषण क्यों…?”नमामि गंगे” परियोजना के लिए ₹20000 करोड़ का बज़ट बनाया गया था।किंतु अब तक 11हज़ार करोड़ खर्च किया जा चुका है।इतनी बड़ी रकम खर्च किये जाने के बावजूद भी प्रदूषण क्यों…? वरुण के द्वारा उठाए जाने वाले ये सभी सवाल किसी विपक्षी राजनीतिक दल के नेता द्वारा उठाए जाने चाहिए थे पर मूक व खत्म हो चुके विपक्ष से ऐसी उम्मीदें पूरी तरह से बेईमानी ही होगी। अब देखना यह होगा कि अपनी ही पार्टी के गलत फैसलों पर मामलों को तूल दिए जाने से उनको कहीं बड़ा नुकसान न उठाना पड़े..?

क्या होगी भाजपा सांसद पर कोई कार्यवाही…

ज्ञात रहे कि काँग्रेस मुखिया सोनिया गाँधी व काँग्रेस पार्टी की देश विदेशों से जानकारी राष्ट्र व कोर्ट को देने वाले सुब्रह्मण्यम स्वामी को भी बड़बोले पन की सज़ा बीजेपी द्वारा दी गई।तो फिर किसी भी दिन वरुण गाँधी को भी उनकी खोजी व पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाली खबरों के लिए मूक किया जा सकता है। क्योंकि वे लगातार केंद्रीय नेतृत्व द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की पोल पट्टी जनता के सामने रख दे रहे हैं। जबकि यह मूल काम सत्तासीन पार्टीयों का नही बल्कि विपक्षी राजनीतिक दलों का होता है।