भीमताल के हरेले मेले का ओखलकांडा ब्लाक प्रमुख ने किया उद्घाटन….पहाड़ी मेले में अधिकांश विशेष समुदाय को नगर पंचायत ने बांट डाली 28 हजार में प्रति दुकानें……लोकल कलाकारों को नगर पंचायत ने नहीं दिया काम भारी भरकम पैंसा देकर बुलाये कलाकार

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नैनीताल – भीमताल में हरेला मेले की धूम है..2 साल बाद आयोजित इस मेले का सुभारंभ ओकलकांड़ा ब्लाक प्रमुख कमलेश कैड़ा ने किया है। 21 जुलाई तक चलने वाले इस हरेले मेले में सास्कृतिक कार्यक्रमों की धूम है तो स्कूली बच्चों ने भी रंगारंग कार्यक्रम पेश कर रहे हैं इसके साथ ही लोक कलाकारों ने भी इस कार्यक्रम में पूरी रौनक बनाई है। भीमताल के रामलीला मैदान में कोरोना के बाद आयोजित इस आयोजन में इस बार कम लोग ही शामिल हुए। वहीं इस बार लेकल कलाकारों को आयोजन से दूर करने पर रौनक भी फीकी दिख रही है। हालत ये है कि पहले दिन मुख्य उद्धाटन कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से ही आयोजन कराना पड़ा जिसके चलते कई लोग कार्यक्रम से चले गये। रामलीला मैदान में आयोजित इस इस दौरान पूर्व नगरपंचायत चेयरमैन राजेश नेगी के साथ मेला अधिकारी राहुल शाह, सुनीता पाण्डे आशा उप्रेती संदीप पाण्डे नीरज भाकुनी देवेंद्र सिंह चनौतिया समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

अव्यवस्थाओं की भरमार तो हिंदू दुकानदारों को कर दिया दूर….

भीमताल हरेला मेला 2 साल बाद आयोजन होने के बाद इस बार अव्यवस्थओं की भेंट चढ गया। मेला ठेकेदार को 25 लाख का ठेका नगर पंचायत ने दिया बावजूद इसके दुकानों का निर्माण सही से नहीं हो सका है। कुछ दुकानों में तो बरसात के दौरान पानी रोकने के कोई इंतजाम नहीं हैं तो ठेकादार की मनमानी भी दुकानदारों पर भारी पड़ी है। खास बात ये है की ज्यादातर दुकानें नगर पंचायत भीमताल ने विशेष समुदाय के लोगों को दी और वो भी 28 हजार प्रति दुकान..किच्छा से आए व्यापारी कलीम ने कहा कि उन्हौने 28 हजार की दुकान ली है और मेला पिछले सालों जैसा नहीं है अगर लोग नहीं आए तो नुकसान हो जायेगा। इसके साथ ही उघमसिंह नगर के ही सलमान राशीद समेत अन्य दुकानदार भी नगर पंचायत की व्यवस्थाओं से नाराज दिखे। वहीं स्थानीय लोग भी मंहगी दुकानों में महंगाई से परेशान हैं और नगर पंचायत पर सवाल उठा रहे हैं।

इस बार आयोजन में स्थानीय लोग कलाकारों को भी दूर कर दिया गया है। नैनीताल भीमताल और रामगढ के स्थानीय लोक कलाकारों के दलों को दूर कर दिया गया और हरेला मेले में उनको नहीं बुलाया गया और भारी भरकम पैंसा देकर नगर पंचायत ने बाहरी अन्य स्थानों से कलाकारों को यहां आयात किया है। हालांकि कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं भी खूब दिखी एक एक कुर्सी पर 2 लोग बैठे रहे तो मीडिया के बैठने का कोई इंतजाम तक नहीं था कुछ पत्रकार खड़े खड़े थक गए तो उसके बाद वो भी मंच की सीढ़ियों पर बैठ गए।एसकके साथ ही नैनीताल रामगढ समेत अन्य स्थानों पर लोकल कलाकारों के दलों को काम मांगने के बाद भी उनको इस आयोजन में नहीं बुलाया गया है। आपको बतादें कि हरेला मेला करिब 100 सालों से आयोजित होता रहा है जिसमें हमेशा स्थानीय कलाकारों को महत्व दिया जाता था और कम पैंसों में अच्छा आयोजन स्थानीय कलाकार करते थे लेकिन इस बार मेले में इन्ही स्थानीय कलाकारों को दूर कर दिया गया है।