चंपावत उपचुनाव-काँग्रेस द्वारा भाजपा को वॉक ओवर दिए जाने के चर्चे आम…

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चम्पावत उपचुनाव पर संपादकीय-संजय नागपाल की कलम से…

 

  • चंपावत उपचुनाव-काँग्रेस द्वारा भाजपा को वॉक ओवर दिए जाने के चर्चे आम..
  • भाजपा के निर्वाचित विधायक कैलाश गहतोड़ी द्वारा अपनी विधायकी से त्यागपत्र देने के कारण चंपावत उपचुनाव की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की गई। दरअसल 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा तो पूर्ण बहुमत से जीत गई थी परंतु मुख्यमंत्री पद के पूर्व घोषित उम्मीदवार पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा से चुनाव हार गए। लेकिन पार्टी हाई कमान द्वारा एक बार फिर से पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री पद से नवाजा गया।अब उन्हें सत्ता ग्रहण करने के छह माह के भीतर संविधान के तहत उपचुनाव में जीत दर्ज करनी आवश्यक है। 9 मई को सी.एम धामी भारी दल बल के साथ इस उपचुनाव में पर्चा दाखिल करने वाले हैं।वहीं टीम काँग्रेस ने चंपावत विधानसभा उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को टक्कर देने के लिए महिला उम्मीदवार की घोषणा की है।बाहुबली धामी से मुकाबले के लिए एक महिला नेत्री व चंपावत कांग्रेस की पूर्व जिलाध्यक्ष निर्मला गहतोङी का चयन किये जाने से इस सीट पर अभी तक काँग्रेस जनों के भीतर ज्यादा उत्साह देखने को नही मिल रहा। काँग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक द्वारा निर्मला गहतोड़ी के नाम का ऐलान करने के बाद से ही काँग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की बॉडी लेंग्वेज कुछ अच्छी नही दिख रही है।
    आपको बता दे कि पिछले लगभग 20 वर्षों में कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल ने केवल 2 बार चुनावों में विजयश्री हासिल की और तीन बार उन्हें हार का मुहँ देखना पड़ा है।लेकिन इस उपचुनाव में उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया।जिसके बाद निर्मला गहतोड़ी को इस उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया गया। इससे जाहिर होता है कि या तो हेमेश खर्कवाल मुख्यमंत्री के भारी भरकम कद से डर कर भाग खड़े हुए हैं या फिर प्रदेश काँग्रेस के भीतर जरूर कुछ गड़बड़ चल रहा है।जो कि किसी बड़े नेता को उपचुनाव में न उतार कर एक छोटे कद की महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा गया है।चंपावत उपचुनाव के लिए 31 मई को मतदान जबकि 3 जून को परिणाम घोषित होने हैं।

कुलमिलाकर एक तरफ जहाँ चंपावत उपचुनाव जीतना पुष्कर सिंह धामी के लिए बहुत जरूरी है वहीं दूसरी तरफ काँग्रेस पार्टी द्वारा मज़बूत उम्मीदवार को टिकट न दिए जाने के राजनीतिक मायने निकाले जाने लगे हैं। काँग्रेस द्वारा इस उपचुनाव में बीजेपी को वॉक ओवर दिए जाने के चर्चे आम हो रहे हैं।जबकि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा इस उपचुनाव में पूरी ताक़त झोंकने की बात पूर्व से ही कर रहे थे। बीजेपी के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कल हरीश रावत को ललकारते हुए इस उपचुनाव में काँग्रेस की ओर से प्रतिभाग करने को कहा। उन्होंने कहा अगर कांग्रेस अपना भ्रम तोड़ना चाहती है तो हरीश रावत को चंपावत से टिकट दे कर देख ले।स्पष्ट हो जाएगा की उत्तराखंड की जनता किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। इस उपचुनाव के लिए मतदान 31 मई को सम्पन्न हो जाएंगे पर भाजपा को वॉक ओवर दिए जाने के चलते,प्रदेश काँग्रेस के बड़े नेता हमेशा कोसे जाएंगे…