देश व राज्य के बदलेंगे आर्थिक हालात..निकलेगा सोना..हैदराबाद की कंपनी के साथ हुआ करार…

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मेरे भारत की धरती अब उगलेगी सोना..स्वर्ण व अन्य धातुओं को निकालने के लिए हैदराबाद की कंपनी से हुआ करार…

उत्तराखंड को देवभूमि भी कहा गया है क्योंकि चारधाम व पर्यटन के अतिरिक्त यहाँ उद्योग धंधे कम ही हैं।लेकिन देवों की कृपा से उत्तराखंड में अस्कोट के पहाडियों के नीचे बड़ा खज़ाना दबा होने की बात लंबे समय से हो रही है।स्थान पर हुए सर्वे के अनुसार यहाँ सोना, तांबा, चांदी, लेड, शीशा, जस्ता जैसी एक लाख पैंसठ हजार मैट्रिक टन से अधिक धातुएं मौजूद है।आपको बता दें कि वर्ष 2003 में भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के सर्वे के आधार पर कनाडा की प्रसिद्ध गोल्ड माईन कंपनी ने भारत सरकार से अनुमति से यहां पर सर्वे का कार्य किया था।जिसमें सर्वे के नाम पर भूमिगत सुरंग बनाकर यहां कई किमी तक खोज की गई।  सर्वे में यहां पर भूमि के अंदर सोना सहित अन्य मिश्रित धातुओं की रेंज होने की पुष्टि भी की गई थी। इसी बेल्ट के भूगर्भ में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना भी जताई जा चुकी है।अब उत्तराखंड की इस पवित्र धरती से सोना बाहर निकाले जाने की कवायद शुरू हो गई है।

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव मंजूर होते ही शुरू होगा खनन..प्रदेश व देश की  सुधरेगी आर्थिकी…- बिशन सिंह चुफाल पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड…

डीडीहाट क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने सोमवार को पिथौरागढ़ में मीडिया से बातचीत में बताया कि कनाडा की गोल्ड माइन कंपनी ने क्षेत्र में कई सुरंग तैयार कर सर्वे पूरा किया था। इस बीच अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच फंस गया। जिसके चलते कंपनी को अपना काम यहाँ से समेटना पड़ा था।बिशन सिंह चुफाल ने बताया कि अस्कोट अभ्यारण्य का पेंच हटने के बाद हैदराबाद की एक कंपनी के साथ सोना निकालने को लेकर करार किया गया है।पूर्व में सोना, जस्ता, शीशा आदि खनिज निकालने के लिए जो लीज स्वीकृत हुई थी उसके विस्तार का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया गया है, जल्द ही इसे स्वीकृति मिल जाने के बाद कीमती धातुओं को निकालने का काम शुरू हो जाएगा।जिससे यहाँ खनन कार्य शुरू होते ही क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आयेगा साथ ही रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे।