क्या अब कोई भी परीक्षा में मिलेगा महिलाओं को आरक्षण….हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्या कहते हैं कानून के जनकार….2006 के सरकारी आदेश पर कोर्ट ने लगाई रोक..

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नैनिताल – भर्ती घोटालों के बीच राज्य में लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा में महिला आरक्षण को लेकर बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य की महिलाओं का 30 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करते हुए लोक सेवा आयोग को आदेश दिया है कि नए सिरे से कटआँफ लिस्ट तैयार करें ताकि बेहतर अंक लाने वाली महिलाओं को इसमें प्रतिभाग करने का मौका मिल सके। बीते दिनों हाईकोर्ट ने उत्तराखण्ड मूल की महिलाओं के आरक्षण पर रोक लगा दी थी राज्य सरकार के 2006 के शासनादेश से इन महिलाओं को आरक्षण मिलता रहा था। दरअसल रिचा साही समेत अन्य ने मैरिट सूची दुबारा बनाने की मांग के साथ कहा कि सरकार ने विभिन्न विभागों में प्रारंभिक परीक्षा की है जिसका 26 मई 2022 को परीक्षा परिणाम आया है परीक्षा में 2 कट आँफ लिस्ट निकाली गई और उत्तराखण्ड मूल की महिलाओं को 79 है। याचिकाकर्ता का कहना है कि 2001 और 2006 के जीओ के आधार पर उत्तराखण्ड की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है वहीं याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि जो सरकार ने आरक्षण दिया है वो असंवैधानिक है क्योकि संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत राज्य आरक्षण नहीं दे सकता है यह अधिकार केवर संसद को है राज्य केवल आर्थिक रुप से कमजोर व पिछले तबके को ही दे सकता है। वहीं कानून के जानकार कार्तिकेय हरी गुप्ता ने कहा की 2006 के आदेश को कोर्ट ने स्टे कर दिया है तो इसका असर कई अन्य भर्तियों में पडेगा क्योंकि जिसको आधार बनाकर सरकार राज्य की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दे रही थी उस 2006 के आदेश को ही कोर्ट स्टे कर दिया है।