आंखिर क्यों लगे हैं नैनीताल पालिका के अधिकारी डीएम की बदनामी में…..हाईकोर्ट के आदेश के बाद क्यों श्रृधालुओं को नहीं दी सुविधा..ठेकेदार ने किये करोड़ों अंदर दुकानदार भी परेशान मेले के कुप्रबंधन से नैनीताल की इमेज भी खराब…

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नैनीताल – नैनीताल में नंदा महोत्सव चल रहा है और 2 साल बाद मेले का भी आयोजन हो रहा है। इस बार मेले में भीड़ तो खूब आ रही है लेकिन दुकानदार से लेकर श्रृधालु तक पालिका के कूप्रबंधन से परेशान हैं। अब श्रृधालुओं से लेकर दुकानदार तक पालिका और नैनीताल जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं पर नाराज हैं। जब्कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशो में साफ कहा है कि मेले से आया पैंसा श्रृधालुओं की सुविधाओं में खर्च किया जाए।

नैनीताल में नंदा महोत्सव के मेले में खरिदार से लेकर दुकानदार तक परेशान हैं। परेशानी की वजह कुछ और नहीं बल्कि मेला क्षेत्र में जल भराव है। कई दुकानों में पानी आने से सामान खराब हो रहा है तो मेला क्षेत्र में चलना फिरना भी दुभर हो गया है। चलने वाले स्थानों पर गड्डों में तालाबों से पार करना चुनौती बना हुआ है तो वहीं लोगों में इसको लेकर रोष है। खुर्पाताल के पूर्व प्रधान मनमोहन कनवाल ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है हर साल मेला होता है और स्टोन क्रशरों से बजरी लाकर डाली जाती रही है लेकिन इस बार पालिका और जिला प्रशासन ने लगता है कुछ नहीं किया जिसका खामियांजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। मनमोहन ने कहा कि पानी में चलना परेशानी भरा है और बच्चे आ रहे हैं भीगने के बाद बिमार हो रहे हैं प्रशासन को चाहिये की ऐसे मामलों की जांच हो और शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई हो। वहीं रामपुर से आए राशीद ने कहा कि पानी भरने से दुकान का माल खराब हो रहा है व्यवस्थाएं अच्छी नहीं है और प्रशासन को चाहिये की मेले को 2 दिन और बढाया जाए ताकि नुकसान की भरपाई हो सके।

कोर्ट के आदेश का भी नहीं किया कोई पालन

दरअसल हाईकोर्ट ने आदेश देकर मेले का धार्मिक पक्ष को राम सेवक सभा को दिया तो मेला कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दिया है..कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मेले से कमाया पैंसा मन्दिर और श्रृधालुओं की सुविधाओं पर ही खर्च किया जाए। इस आदेश के बावजूद पालिका ने करिब 75 लाख का ठेका दे दिया लेकिन कंकरीट तक नहीं बिछाया वहीं सरकारी पैंसे से हो रहे काम के लिये भी रुसी बाईपास रेता लाकर छिड़काव कर दिया। हालत ये है कि अब चारों तरफ पानी ही पानी है। इसके बाद ठेकेदार ने 15 से 30 हजार तक ही दुकानों को बेच दिया गया और रेहड़ी पटरी भी 200 दुकानों से 1 हजार रुपये के हिसाब से दुकानों से वसूली की गई है। इस मामले में जब हमने ईओ नैनीताल पालिका से पूछा तो उन्हौने कहा कि पानी इस बार ज्यादा है और रुसी बाईपास बजरी लाया गया है और कुछ स्थानों पर दिक्कतें है लेकिन नाली काटी गई है जिससे दिक्कतों को कम किया जा सके।