रंग लाने लगी डीएम धीराज गर्ब्याल की पहल….पहले दिन ही जुड़े स्कूल…मुहिम के तौर पर चलाया है जिले में ये अभियान..

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नैनीताल – नैनीताल डीएम की एक पहल रंग लाने लगी है। नैनीताल में डीएम ने स्कूली बच्चों को स्वच्छता से जोड़ा तो अब उसमें स्कूलों के बच्चों की मुहिम ने कूड़ा एकत्र किया है। सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ शुरु हुई इस मुहिम ने कई कट्टे कूड़ा एकत्र किया गया है। राष्ट्रीय सेवा योजना रातिघाट के बच्चों ने बकायदा प्लास्टिक को लेकर मुहिम भी शुरु की है तो बगड़ इंटर कालेज के बच्चों ने भी मुहिम को आगे बढाया है। पहले दिन ही बच्चों ने सड़क और रास्तों के किनारों पर पड़े प्लास्टिक कूड़े को उठाया और एकत्र कर उसको निस्तारण के लिये भेजा है। स्कूलों को इस भागीदारी को डीएम ने जोड़ा है।
दरअसल डीएम नैनीताल में जिले में ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबन्धन को लेकर मिशन मोड़ में कार्य करने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने समस्त उपजिलाधिकारी को अपने क्षेत्रान्तर्गत वन व स्थानीय नगर इकाई के साथ सर्वे करते हुए कूड़ा डम्प क्षेत्रों का सर्वे कर सफाई करने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने ठोस अपशिष्ट कूड़ा प्रबन्धन को लेकर गूगल मीट के माध्यम से अधिकारियों की बैठक ली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन नियम 2016 का परिपालन हेतु समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारियो को निर्देश दिया था कि स्कूली बच्चों के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु वृहद जागरूकता अभियान चलाया जाए। डीएम नैनीताल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिकतर विद्यालय पैदल दूरी पर स्थित होते है ऐसे में इन स्कूली छात्र छात्राओं को घर से स्कूल तक पड़ने वाले पैदल मार्गों में यत्र-तत्र बिखरे कूड़े को सम्बन्धित विद्यार्थी के माध्यम से एकत्रित कराया जाए। विद्यार्थी विद्यालय आते समय अपने रास्ते मे पड़े हुए प्लास्टिक कूड़े को एकत्रित कर विद्यालय में जमा कराए। इसके लिए विद्यालय में प्रधानाचार्य समस्त विद्यार्थियों द्वारा एकत्रित कूड़े का रिकॉर्ड रखेंगे। सर्वाधिक कूड़े को जमा करने वाले बच्चों को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
इसके निस्तारण के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में दुकानदार व ग्रामवासी घरेलू कूड़े को कूड़ेदान में डाल सके, इसके लिए अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत 01 हजार से 02 हजार लीटर के कूड़ेदान को विभिन्न स्थलों पर रखना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रूट प्लान बनाते हुए कूड़े को उठाने के लिए कूड़ा वाहन संचालित करें जिससे कूड़ेदान में एकत्रित कूड़ा समय पर निस्तारित किया जा सके।