बड़ी खबर….निदेशक कार्बेट पार्क को निचली अदालत के समन और ट्रायल आदेश पर हाई कोर्ट की रोक….पेड़ काटने का डीजीपी ने बनाया था धीराज पांडे को आरोपी….पुलिस और विभाग आमने सामने…

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नैनिताल – उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क के निदेशक के खिलाफ निचली अदालत से जारी सम्मन पर रोक लगा दी है। देहरादून राजपुर में पूर्व डीजीपी द्वारा पेड़ों के काटने के मामले में तत्कालिन डीएफओ धीरज पाण्डे समेत अन्य के निचली अदालत के सम्मन आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार और पूर्व डीजीपी सिद्दू को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है।

ये था मामला..किसने काटे पेड़ सिद्दू या डीएफओ

दरअसल 2013 में राजपुरा क्षेत्र में काटे गये पेड़ों के मामले में 22 सितंबर 2022 को निचली अदालत ने धीरज पाण्डे समेत अन्य को सम्मन दिया था और ट्रायल के लिये कोर्ट में आने को कहा था जिसको तत्कालिन डीएफओ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। आपको बतादें कि 2013 में पुलिस के डीजीपी पर राजपुरा में 20 पेड़ काटने का आरोप लगा तो इस मामले में 9 मार्च और 20 मार्च 2013 को वन विभाग ने डीजीपी सिद्दू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया..लेकिन जुलाई 2013 में डीजीपी ने वन विभाग के खिलाफ ही उल्टी एफआईआर दर्ज करवा दी और पेड़ काटकर बेचने का आरोप लगा दिया। हांलाकि इस मामले में पहले भी सम्मन आदेश जारी हुआ लेकिन 2017 में हाईकोर्ट ने सम्मन आदेश को निरस्त कर दिया। अब वर्तमान में निदेशक कार्बेट पार्क धीरज पाण्डे को निचली अदालत ने फिर सम्मन आदेश जारी किया है। धीरज पाण्डे ने इस आदेश को चुनौती दी है और कहा है कि एक ही केस में दो सम्मन आदेश जारी नहीं किया जा सकता है और सिद्दू ने गलत एफआईआर दर्ज की है लिहाजा सम्मन आदेश और ट्रायल के आदेश को भी निरस्त किया जाए।