नाले के फंसी सवारियों से भरी बस यात्रियों की अटकी सांसें….बारिश के मकान में दबने से 1 की मौत…पहाड़ का सफर करें देखकर ये सड़कें बंद..

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उत्तराखंड – चोरगलिया सितारगंज मार्ग में सवारियों से भरी बस शेर नाले के उफान आने पर फंसी, इस दौरान सवारियों की सांसे अटक गई । हल्द्वानी में गौला नदी, शेर नाले व नंधौर नदी का रौद्र रूप भी देखने को मिला रहा है। हल्द्वानी सितारगंज मार्ग को जोड़ने वाली सड़क पर शेर नाला में भारी पानी आ जाने से बस फंस गई। रोडवेज बस चालक ने लोगो की जान की परवाह किए बैगर बस को उफनती नाले में डाल दिया, नाले के अंदर पहुंचते हैं बस बंद हो गई जहां बस में बैठे यात्रियों की सांसे अटक गई, गनीमत रही कि तत्परता दिखाते हुए चालक ने बस को बरसाती नाले से पीछे निकाल दिया नहीं तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था।

इसके साथ ही मूसलाधार बारिश से अल्मोड़ा सल्ट के पिपना में यहां बारिश के दौरान एक घर ढह गया जिसमें दबने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी है। हालांकि रैस्क्यू टीम ने इसको निकलने की कोशिश की लेकिन इस व्यक्ति को बचाया नहीं जा सका है। वहीं भारी बारिश से रामनगर अल्मोड़ा सड़क भी बंद है धनगढ़ी नाले में तेज पानी आने से यातायात पूरी तरह ठप है।

नैनीताल में भी बारिश का कहर देखने को मिला है नैनीताल में बारिश के चलते 62 सड़कें बंद है जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। नेशनल हाईवे से लेकर राज्य मार्गों में मलवा आने से आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं जिसके चलते किसान से लेकर आम इंसान तक परेशान है।
कुछ इलाकों में तो आपदा के घावों को बारिश ने ताजा कर दिए हैं। पिछले साल अक्टूबर में आई आपदा वाले इलाकों के लोग खौफ में हैं। रामगढ़ में कोठीगाड़ उफान पर है तो इससे कई घरों को खतरा बना हुआ है। मकानों की बुनियाद पानी से कट रही है तो वहीं खैरना गरमपानी वाले इलाके में 40 से ज्यादा परिवार खतरे की जद में हैं। नदी का पानी घरों की तरफ बढ़ा है तो रात काटनी लोगों की मुश्किल हो रही है। नदी से हो रहे कटाव से लोग दहशत में हैं। शिप्रा व कोसी नदी से बने बाढ़ के हालातों से लोगों में पिछले साल की यादें ताजा हो गयी हैं। हालांकि प्रशासन लोगों को लगातार नदी किनारों से हटने की अपील जारी कर रहा है। खैरना में तो लोग प्रशासन के रुख से खासा नाराज हैं। खैरना के योगेश त्रिपाठी ने कहा कि पिछले साल जैसे हालात बने हैं लेकिन कोई सुध प्रशासन ने अभी तक नहीं ली है। घरों तक पानी आ गया है लेकिन कहाँ जाएं कुछ नहीं पता वहीं खैरना के ग्राम प्रधान कन्नू गोश्वामी ने कहा कि आपदा के बाद कई बार सरकार और अधिकारियों को लिखा लेकिन कोई कार्रवाई आज तक नहीं हो सकी है जिसका खामियाजा आज खैरना की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
इधर नैनीताल में तीन दिन से हो रही बारिश का असर दिखने लगा है। बलियानाले के बाद आलूखेत गावँ में भी भूस्खलन हो रहा है जिससे गावँ में खतरा बना हुआ है। तेज बारिश के बाद आलूखेत में हुए भूस्खलन से 1 दर्जन घरों को खतरा बन गया है। वहीं 3 दिन से हो रही बारिश के बाद ग्रामीणों की रातें भी खौफ में कट रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से फौरी राहत देने की मांग की है।