23 यात्रियों की मौत के बाद जागी सरकार….अब भी दुरस्त नहीं यात्रा रूट पर सुविधाएं

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ब्यूरो रिपोर्ट स्टार खबर

उत्तराखंड – चारधाम यात्रा पीक पर है लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है तो श्रद्धालुओं से लेकर स्थानीय लोगों को खूब फजीहत झेलनी पड़ रही है। चारों धामों के कपाट खुले के बाद अब तक 23 यात्रियों की मौत हो गयी जब्कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को अब भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रा शुरू होने से अब तक केदारनाथ में ही 1 लाख 14 हजार 814 यात्री पहुंचे तो एक दिन में 18 से 20 हजार तक श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। वही बद्रीनाथ धाम में 60 हजार यात्री अब तक पहुंचे है गंगोत्री यमनोत्री में 1 लाख 25 हजार श्रद्धालु पहुंचे हैं। यात्रा ले दौरान श्रद्धालुओं को खाने और रहने की दिक्कतें आ रही है तो मेडिकल सुविधाओं का अभाव भी झेलना पड़ रहा है।

यात्रियों की हो रही मौत के बाद जगी सरकार..

यात्रा के दौरान कोई दिक्कत ना हो एसकके लिए अब सरकार 23 मौत के बाद हरकत में आई है। महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. शैलजा भट्ट ने चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर यात्रा मार्ग से सम्बन्धित जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। डॉ. भट्ट ने कहा कि केदारनाथ मार्ग में 08 स्थाई चिकित्सालय तथा 14 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट बनाए गए हैं,गंगोत्री मार्ग में 10 स्थाई चिकित्सालय एवं 03 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट बनाए गए हैं बदरीनाथ मार्ग पर 19 स्थाई चिकित्सालय तथा 02 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट वहीं यमुनोत्री मार्ग पर 11 स्थाई चिकित्सालय एवं 04 अस्थाई मेडिकल रीलिफ पोस्ट कार्य कर रहे हैं। श्री यमुनोत्री मार्ग पर 08 फर्स्ट मेडिकल रिस्पोन्डर इकाइयां भी उपलब्ध हैं। यात्रियों को चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 132 चिकित्सकों को विभिन्न अस्पतालों में तैनात किया गया है और सभी को 24 घंटे मुश्तैद रहने के निर्देश दिये गये हैं। महानिदेशक ने बताया कि आकस्मिक उपचार एवं दुर्घटना/ट्रामा के दौरान रक्त की आवश्यकता को देखते हुए यात्रा मार्ग में 08 ब्लड बैंक तथा 04 ब्लड स्टोरेज यूनिट भी संचालित हो रही हैं। यात्रियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सूचना के लिए 104 हेल्पलाइन काम कर रही है। 108 आपातकालीन सेवा की 102 एम्बुलेन्स तथा एडवान्स लाइफ सपोर्ट एम्बुलेन्स भी इस यात्रा के लिए प्रमुख एवं संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गयी हैं। चारधाम यात्रा के आरम्भिक दिनों में हुई 23 यात्रियों की आकस्मिक एवं दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारणों के बारे में जानकारी देते हुए महानिदेशक ने कहा कि इनमें से कोई भी मृत्यु अस्पताल में नहीं हुई है और मृत्यु से पूर्व कोई भी हताहत यात्री चिकित्सालय पर उपचार हेतु नहीं लाया गया। उन्होंने बताया कि सभी मृत्यु के सम्भावित कारणों में आकस्मिक हृदयघात हाइपरटेंशन, पूर्व में कोविड तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित होना पाया गया है। महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इस बावत विस्तृत रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए। महानिदेशक ने यह भी बताया की सचिव, चिकित्सा श्रीमती राधिका झा द्वारा भी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की समीक्षा की गयी जिसमें SDRF की टीम को मेडिकल टीम के साथ समन्वय करने के निर्देश दिये गये ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में यात्रियों को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।

    • पुलिस व्यवस्था को भी दुरस्त करने के निर्देश
  • चारधाम यात्रा में यात्रियों की बढती भीड़ से हो रहे मिस मैनेजमेंट को देखते हुए अब अधिक मात्रा में पुलिस बल लगाने को लेकर निर्णय लिया गया है, केदारनाथ, गौरीकुंड और गंगोत्री धाम में भी अब एक एक प्लाटून पीएसी यानी 80 से 100 पीएसी के जवानों को एक्स्ट्रा तैनात दी गयी है. साथ ही गंगोत्री, केदारनाथ को सेक्टरों में बांटा गया है, जिससे कि किसी भी प्रकार से यात्रियों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े. आपको बतादें कि धामों में हो रही दर्शनों के लिए संख्या सीमित की गयी है. साथ ही बिना रजिस्ट्रेसन के भी दर्शनों पर पाबंधी लगाई गयी है जिसको मैनेज करने के लिए अब एक्स्ट्र पुलिस जवानो की ड्यूटी लगाई गयी हैं. वहीं डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि एक्ट्रा पुलिस बल होने से यात्रा को मैनेंजमेंट करने में सहूलियत होगी.