आतंकी फंडिंग की जाँच करते हुए एक आइ.पी.एस कर बैठे देश से दगा…

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राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण National Investigation Agency(एनआईए) भारत में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संघीय जाँच एजेंसी है।
इसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण में हिमाचल प्रदेश कैडर के आइ.पी.एस अरविंद दिग्विजय नेगी प्रतिनियुक्ति पर करीब 11 साल से अधिक समय तक रहे।

पाकिस्तानी आतंकियों से संबंध..

इसी दौरान उन्हें एन.आइ.ए ने कश्मीर की आतंकी फंडिंग की जांच की टीम में शामिल किया। आतंकी फंडिंग की जांच के सिलसिले में नेगी ने लश्करे तैयबा के एक ओवरग्राउंड वर्कर परवेज खुर्रम के यहां रेड की। लेकिन कुछ समय बाद ही वे परवेज खुर्रम को ही पैसे के एवज में खुफिया जानकारी लीक करने लगे। सूत्रों के अनुसार आइ.पी.एस अरविंद दिग्विजय नेगी के मामले में जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आएं है।

पुख्ता सुबूतों पर हो चुकी है चार्ज शीट तैयार

परवेज खुर्रम की मदद से आइ.पी.एस नेगी ने लश्करे तैयबा के अन्य आतंकियों के साथ भी संपर्क कायम किया।जिनमें एक पाकिस्तान में रहने वाला हैदर अली भी शामिल है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आइपीएस नेगी और हैदर अली के बीच सीधी बातचीत के सबूत भी मिले हैं। ध्यान देने की बात है कि एन.आइ.ए ने इस मामले में पिछले साल छह नवंबर को एफ.आइ.आर दर्ज की थी और 18 फरवरी को आइपीएस नेगी को गिरफ्तार किया गया था। वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद चार्जशीट तैयार कर ली गई है और एक-दो दिनों में दिल्ली स्थित एन.आइ.ए की विशेष अदालत में इसे दाखिल भी कर दिया जाएगा…