खुलासा….कैसे होगा आपदा के काम…..9 मांहिने बाद भी नहीं दिया केंद्र सरकार ने पैंसा…कांग्रेस ने कहा धुंवा छोड़ रहा है डबल इंजन

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नैनीताल – पहाड़ में प्री मानसून की बारिश के साथ ही एक बड़ा खतरा लोगों को डरा रहा है। नैनीताल में लोग पिछली आपदा की भयावह तस्वीरों से खौफ में हैं तो अक्टूबर की आपदा के काम ही नहीं होने से जमीन मकान दुकानों पर बड़ा संटक दिखने लगा है। हांलाकि सरकार केन्द्र की तरफ पैंसों के लिये टकटकी लगाए हैं तो वहीं विपक्ष सरकार को घेरने में जुटी है।

आपदा के 10 महीनों बाद भी ट्रीटमेंट के लिए नहीं मिला पैंसा….

दरअसल मानसून की दस्तक के बीच पहाड़ों में आपदा का खतरा भी बढ गया है। आपदा की तैयारियों के बीच पूराने जख्म भरे नहीं जा सके हैं। नैनीताल के बेतालघाट खैरना गरमपानी समेत रामगढ और ओखलकांड़ा में फिर जल प्रलय का खतरा बना हुआ है। बाढ सुरक्षा के काम नहीं होने से ग्रामीणों में ड़र बैठा है तो पहाड़ की लाइफ लाइन अल्मोडा पिथौरागढ हाईवे टूटी सड़कों के बीच कभी भी बंद हो सकती है। हांलाकि मानसून की तैयारी कर रहे सरकार को अब भी केन्द्र सरकार से बजट का इंतजार है। उत्तराखण्ड़ के मुख्य सचिव एसएस संघू ने कहा कि आपदा के लिये केन्द्र सरकार से बजट की मांग की गई है। एसएस संघू ने कहा कि कई बजट केन्द्र से भी स्वीकृत होना होता है उसमें समय लग रहा है जो आपदा के प्रस्ताव भेजे हैं वो विभिन्न स्टेज पर हैं उम्मीद है जल्द पैंसा मिल जायेगा।

अधिकारियों को मानसून के लिये तैयार रहने के निर्देश…

दरअसल 15 जून के बाद पहाड़ में मानसून की तैयारियां हो गई हैं तो प्रीमानसून की बारिश ने खतरा बढा दिया है। इसके लिये कुमाऊँ कमिश्नर से लेकर डीएम तक ने अधिकारियों को आपदा के लिये तैयार रहने के साथ बाढ चौकियों और वैकल्पिक व्यवस्थाओं के निर्देश दिये हैं। लाइट पानी और राशन दवा की व्यवस्थाओं को पूरा रखने को कहा गया है तो मानसून के दौरान मुख्यालय ना छोड़ने को भी कहा जा रहा है और राशन दवा रखने को भी कहा गया है। हांलाकि इन सब के बीच पूरानी आपदा यानि पिछले साल अक्टूबर की आपदा के काम ही नहीं होने पर कांग्रेस बीजेपी को घेरने में लगी है। कांग्रेस उपनेता सदन भुवन कापड़ी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में पैंसा नहीं मिला आपदा के लिये तो कैसी सरकार चल रही है आप जान सकते हैं जनता परेशान है और घर बहने की कगार पर हैं लेकिन सरकार उनको अब तक राहत नहीं दे सकी और ना ही उनको घर रहने के लिये दिये हैं विस्थापन की तो छोड़ ही दो। वहीं ग्राम प्रधान संगठन के सचिव शेखर दानी ने कहा कि पूरे इलाके में आपदा के हालात जस के तस पड़े हैं और सरकार कोई काम अक्टूबर से अब तक नहीं कर सकी है इस बारिश में भी लोगों खतरे में हैं अगर तेज बारिश आती है तो कई लोग इसका आपदा जा सकते हैं।