जहां पड़े मुख्यमंत्री.मंत्री विधायक और अधिकारियों के कदम वहां आज तक नहीं हो सके आपदा के काम……अब इस मानसून में खौफ में हैं ग्रामीण…..अधिकारी दे रहे हैं अब ये जवाब….

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नैनीताल – पिछले साल अक्टूबर की आपदा ने सब कुछ खत्म किया तो अब मानसूनी बारिश ने नींद हराम कर दी है। पिछले साल आपदा के जख्म भरे ही नहीं थे की अब खतरा एक पूरे इलाके के लिये बन गया है। ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री से लेकर विधायक मंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों के इस इलाके में दौरे होते रहे।

आपदा ग्रस्त इलाकों में एक साल में भी नहीं हुआ काम..

दरअसल रामगढ के आपदा वाले इलाके में डीएम से लेकर सीएम और मंत्री भी दौर के लिये पहुंचे लेकिन एक पत्थर भी सरकार यहां नहीं लगा सकी है। रामगढ़ की सड़क आज भी काम शुरु होने का इंतजार कर रही है तो टूटे मकान भी उसी हालत में हैं। रामगढ में इस बार बारिश में लोग ड़र में हैं तो मकानों के बह जाने का खतरा अब भी बना हुआ है…तल्लारामगढ के हालात ये हैं कि पिछले 1 साल से वो सड़क ही नहीं बन सकी जिसमें जहां राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद आपदा का निरिक्षण करने आए थे और यहीं कई मंत्री विधायक और केन्द्र सरकार के रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी यहां दौरे के लिये पहुंचे थे। सिर्फ रामगढ ही नहीं बल्कि बेतालघाट और गरमपानी खैरना की ये तस्वीरें भी मानसुनी आफत में डरा रही हैं। मकानों और दुकानों की नीव पहले ही आपदा में कमजोर है तो अब इन मकानों का पानी के साथ बह जाने का खतरा बना हुआ है। हालत इतने ज्यादा खराब है कि बारिश आते ही डर खौफ में बदल रहा है। आपदा पीडित देवेन्द्र मेर कहते हैं कि बारिश आते ही एक डर बन जा रहा है लोग घर छोड़ने को तैयार हर वक्त रहते हैं 1 साल आपदा को हो गये लेकिन कोई काम आज तक सरकार नहीं कर सकी है ऐसे में जो काम हो भी रहे हैं वो स्थानीय लोग अपने संसाधनों से कर रहे हैं। वहीं नारायण दत्त तिवाड़ी कहते हैं कि आपदा में उनका मकान टूटा तो दुकान पर भी असर पड़ा है लेकिन सरकार ने 1 लाख का चैक दिया जिससे मलवा तक नहीं हट सका जब्कि 40 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है। तिवाड़ी कहते हैं कि सरकार आपदा पीडितों को भूल गई है।

अक्टूबर में बरसी थी आसमानी आफत……

दरअसल अक्टूबर की आपदा नैनीताल के रामगढ ओखलकाड़ा बेतालघाट गरमपानी में आफत बनकर बरसी तो कई लोगों के घर और सामान बह गया वहीं करिब 30 लोगों की मौत भी हो गई। आपदा के बाद इन क्षेत्रों में विधायक मंत्री मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री भी पहुंचे लेकिन सड़क खोलने से ज्यादा आज तक कुछ भी नहीं हो सका है….इस बारिश में बने इस खतरे पर अधिकारियों के पास सिर्फ सरकारी बयान से ज्यादा कुछ नहीं है। कमिश्नर कुमाऊ दीपक रावत ने कहा कि सभी अधिकारियों को आपदा के लिये सतर्क रहने के निर्देश जारी किया गया है और रामगढ ओकलकांड़ा गरमपानी बेतालघाट वाले इलाकों को लेकर भी निर्देश हैं और जल्द ही इसकी माँनिटरिंग की जायेगी।