हरीश रावत सरकार में जिंदल ग्रुप को मिली जमीन पर स्कूल निर्माण के आदेश…चीफ जस्टिस की टिप्पणी विकास के कामों को रोकोगे तो कैसे पहाड़ का विकास….2015 में सरकार ने 353 नाली जमीन दी थी नैनीसार में दी थी ग्रुप को..

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नैनीताल – नैनीसार में जिंदल ग्रुप को जमीन आवंटन मामले में हाई कोर्ट से बड़ी राहत जिंदल ग्रुप को मिली है। हाई कोर्ट ने पृरे मामले में निर्माण पर लगी रोक को हटा दिया है और जिंदल ग्रुप को निर्माण की अनुमति दे दी है। 2019 में हाई कोर्ट ने हरीश रावत सरकार द्वारा जमीन आवंटन पर रोक लगा दी थी। आपको बतादें कि पिछली हरीश रावत सरकार ने अल्मोड़ा के नैनीसार में 353 नाली जमीन हिमांशु एजुकेशनल सोसायटी को दे दी थी जिसके बाद अल्मोड़ा निवासी पीसी तिवारी और विशन सिंह की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि प्रदेश सरकार ने 2015 में अल्मोड़ा के नैनीसार में 353 नाली सरकारी भूमि गैर कानूनी रूप से निजी उद्योगपति द्वारा संचालित हिमांशु एजुकेशनल सोसायटी को दे दी है। जिंदल ग्रुप की इस सोसायटी को अंतराष्ट्रीय पब्लिक स्कूल खोलने के लिए दी गई इस जमीन से पहले स्थानीय ग्रामीणों की सहमति नहीं ली गई है। कौड़ियों के भाव दी गई इस जमीन के पीछे राज्य सरकार जनहित का औचित्य नहीं दे सकी है। याचिका में कहा गया कि सोसायटी को 27 सिंतबर 2015 को आवंटित पट्टे के आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। इस मामले में वकील अवतार सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि विकास में अवरोध पैदा करोगे तो पहाड़ का विकास कैसे होगा। कोर्ट ने एज्यूकेशनल सोसाइटी को कहा है कि निर्माण शुरू करें। वहीं इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील डीके जोशी ने कहा है कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे जिस पर विचार किया जा रहा है।